नैनीतालः कुमाऊं विवि और जापान के जेएआईएसटी के बीच छात्र विनिमय कार्यक्रम पर बनी ऐतिहासिक सहमति! कुलपति प्रो. रावत के नेतृत्व में अंतरराष्ट्रीय अकादमिक सहयोग को मिला नया आयाम

Nainital: A historic agreement was reached on the student exchange program between Kumaon University and JAIST of Japan! International academic cooperation got a new dimension under the leadership of

नैनीताल। कुमाऊं विश्वविद्यालय नैनीताल ने एक ऐतिहासिक पहल करते हुए जापान के जापान एडवांस्ड इंस्टीटियूट आफ साइंस एंड टैक्नोलॉजी (जेएआईएसटी) के साथ एक छात्र विनिमय कार्यक्रम (स्टूडेंट एक्सीचेंज प्रोग्राम) आरंभ करने की दिशा में ठोस कदम बढ़ाया है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य उच्च शिक्षा और अनुसंधान के क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देना है, जिससे विद्यार्थियों को वैश्विक स्तर पर सीखने और शोध करने के अवसर प्राप्त हो सकें। कुलपति प्रो. दीवान एस. रावत के नेतृत्व में जेएआईएसटी, जापान के प्रो. काजुआकी मात्सुमुरा एवं कुमाऊं विश्वविद्यालय की अकादमिक टीम के साथ एक ऑनलाइन बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में दोनों संस्थानों के प्रतिनिधियों के बीच छात्र विनिमय कार्यक्रम की रूपरेखा, दिशा एवं आगामी कार्ययोजना पर विस्तृत चर्चा हुई। बैठक सौहार्दपूर्ण वातावरण में संपन्न हुई और दोनों पक्षों ने इस शैक्षणिक सहयोग को और सशक्त बनाने की प्रतिबद्धता जताई। इस सहयोग के अगले चरण के अंतर्गत, जेएआईएसटी, जापान के उपाध्यक्ष एवं उनकी टीम आगामी दिसंबर माह में कुमाऊं विश्वविद्यालय का दौरा करेंगे, जिससे आपसी समझ, सहयोग और शोध साझेदारी को और गहराई दी जा सकेगी। यह प्रस्तावित दौरा दोनों संस्थानों के बीच दीर्घकालिक अकादमिक संबंधों को और अधिक मजबूती प्रदान करेगा।

यह उल्लेखनीय है कि यह अभिनव प्रयास कुलपति प्रो. दीवान एस. रावत की दूरदर्शिता और वैश्विक दृष्टिकोण का प्रतिफल है। उनके नेतृत्व में कुमाऊं विश्वविद्यालय ने अंतरराष्ट्रीय शैक्षणिक सहयोग की दिशा में एक सशक्त कदम उठाया है, जो विद्यार्थियों और शोधकर्ताओं के लिए नए द्वार खोलेगा। उनके प्रयासों से विश्वविद्यालय की अंतरराष्ट्रीय सहभागिता को सुदृढ़ आधार मिला है। यह प्रयास विश्वविद्यालय को वैश्विक अकादमिक परिदृश्य में प्रतिस्पर्धी बनाने की दिशा में एक उल्लेखनीय कार्य है। कार्यक्रम के तहत आरंभिक चरण में विश्वविद्यालय के विभिन्न परिसरों से जीवविज्ञान, रसायन विज्ञान, भौतिकी, वनस्पति विज्ञान और फार्मास्यूटिकल साइंसेज़ जैसे विषयों से चयनित 2-3 स्नातक छात्रों को जेएआईएसटी, जापान में तीन माह तक अध्ययन और शोध के लिए भेजा जाएगा। छात्र वहां जेएआईएसटीके वैज्ञानिकों और संकाय सदस्यों के सह निर्देशन में कार्य करेंगे, जिससे उन्हें अंतरराष्ट्रीय शोध अनुभव प्राप्त होगा।

इस विनिमय कार्यक्रम से चयनित छात्रों को भविष्य में जेएआईएसटी से स्नातकोत्तर और पीएचडी करने का भी अवसर मिल सकेगा। उनके शोध कार्य का मूल्यांकन विश्वविद्यालय द्वारा गठित एग्ज़ामिनर्स बोर्ड द्वारा किया जाएगा। बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि आने वाले वर्षों में इस कार्यक्रम का विस्तार कंप्यूटर विज्ञान, ललित कला एवं अन्य संकायों तक भी किया जाएगा। इसके लिए एमओयू के अनुसार आगामी चरणों की रूपरेखा तैयार की जाएगी और प्रस्ताव को शीघ्र ही कुमाऊं विश्वविद्यालय की शैक्षणिक परिषद में अनुमोदन हेतु प्रस्तुत किया जाएगा। बैठक का समापन कुलपति प्रो. रावत द्वारा सभी प्रतिभागियों के प्रति आभार व्यक्त करते हुए किया गया। उन्होंने इसे कुमाऊं विश्वविद्यालय के लिए एक ऐतिहासिक और दूरदर्शी निर्णय बताया, जो आने वाले वर्षों में विद्यार्थियों के शैक्षणिक और शोध जीवन को नई दिशा प्रदान करेगा। बैठक में कुलपति प्रो. रावत, जेएआईएसटी जापान से प्रो. काजुआकी मात्सुमुरा, निदेशक अनुसंधान एवं विकास प्रकोष्ठ प्रो. नंदगोपाल साहू, अधिष्ठाता विज्ञान संकाय प्रो. चित्रा पांडे, कुलसचिव डॉ. मंगल एस. मंद्रवाल, बायो मेडिकल संकाय के अधिष्ठाता डॉ. महेन्द्र राणा, अनुसंधान प्रकोष्ठ से डॉ. दीपक आर्य एवं डॉ. अनिता आर्य उपस्थित रहे।