भारत का नया कानून! हत्या के लिए अब धारा 302 नही बल्कि 101 होगी, नाबालिग से रेप और मॉब लिंचिंग पर सजा ए मौत, SMS वीडियो और ईमेल को सबूत के तौर पर मिलेगी कानूनी मान्यता, महिलाओं की निजी तस्वीरों को वायरल करने पर मिलेगी ये सजा

India's new law! Section 302 will not be for murder, SMS video and email will get legal recognition as evidence, this punishment will be given for making private pictures of women viral,

जिन कानूनों में सुधार नहीं होता उनमें विकार आ जाते हैं। भारत में भी ऐसा ही चलता आया है। भारतीय संविधान के निर्माण में लंबा समय जरूर लगा लेकिन संविधान में अंग्रेजों के नियम और कानूनों का एक बड़ा हिस्सा ज्यों का त्यों शामिल कर दिया गया। समय के साथ इसमें बदलाव भी नहीं हुए। कानून जनता की रक्षा करने वाला होना चाहिए। हम यह भी जानते हैं कि अंग्रेजों के कानून जनता की रक्षा करने वाले नहीं थे। गोरे शासकों ने अपने हितों को साधने के लिए जो कानून बनाए हम आज तक उन पर ही अमल कर रहे थे। बीते रोज लोकसभा में गृह मंत्री अमित शाह ने तीन नए कानूनों का विधेयक पेश किया। जिसमे IPC ,CRPC, और IEC निरस्त करते हुए भारतीय न्याय संहिता 2023,भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023,और भारतीय साक्ष्य विधेयक शामिल है। इन कानूनों में 313 बदलाव किए गए है,इसमें पहली बार आतंकवाद को भी परिभाषित किया गया है। नए कानून में नाबालिग से रेप पर मौत की सजा,भीड़ हत्या/सामुहिक हत्या,मॉब लिंचिंग पर मृत्यु दंड महत्वपूर्ण रूप से शामिल किए गए है। दुष्कर्म मामलों में कानून सख्त होगा,12 वर्ष से कम उम्र की नाबालिग से दुष्कर्म करने पर न्यूनतम 20 साल की सजा,और अधिकतम सजाए मौत का प्रावधान होगा। मौत की सजा कुछ परिस्थितियों में बदली जा सकेगी पर दोषी को किसी भी हालत में छोड़ा नही जाएगा।इसके अलावा महिला की निजी तस्वीरों को वायरल करना गम्भीर अपराध की श्रेणी में आएगा, महिला की निजी तस्वीरों को वायरल करने के मामले में पहली बार दोषी को एक से तीन साल कैद,जुर्माना, दूसरी बार तीन से सात तक कैद और जुर्माना लगेगा।


इसके अलावा शादी,रोजगार और प्रमोशन के झूठे वादे कर यौन संबंध बनाना भी अपराध की श्रेणी में आएगा। इसके लिए दोषी को दस साल की कैद का प्रावधान होगा।
वही अब नए कानून के तहत ऑडियो,वीडियो,SMS, ईमेल को भी सबूत के तौर पर कानूनी मान्यता मिलेगी। सरकारी कर्मचारी के खिलाफ यदि कोई मामला दर्ज होता है तो 120 दिन में मुकदमा चलाने की मंजूरी देना आवश्यक होगा।


हत्या के लिए अब तक आईपीसी की धारा 302 लागू होती रही है नए कानून में 302 धारा हत्या के लिए नही बल्कि छीना झपटी यानी स्नैचिंग के लिए लागू होगी,जबकि हत्या के लिए अब भारतीय न्याय संहिता की धारा 101 लागू होगी,वही सामुहिक हत्या यानी मॉब लिंचिंग के लिए 101(2) लागू होगी।