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हरियाणा सरकार का बड़ा कदम: सरप्लस सामग्री निपटान के लिए तत्काल कार्रवाई के निर्देश

Haryana government's big step: Instructions for immediate action for disposal of surplus material

चंडीगढ़। हरियाणा सरकार ने वित्तीय अनुशासन और संसाधनों के कुशल उपयोग को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण पहल शुरू की है। मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी ने सभी विभागों, बोर्डों और निगमों को तत्काल प्रभाव से सरप्लस और अनुपयोगी सामग्री के निपटान की प्रक्रिया शुरू करने के निर्देश दिए हैं। इस संबंध में जारी एक पत्र में कहा गया है कि ऐसी सामग्री को समय पर अनुपयोगी घोषित कर निपटान करना वित्तीय अनुशासन और संसाधन प्रबंधन के लिए आवश्यक है। यह कदम सरकारी संसाधनों के दुरुपयोग को रोकने और सार्वजनिक निधि को उत्पादक कार्यों में लगाने की दिशा में एक बड़ा प्रयास है। मुख्य सचिव के पत्र में स्पष्ट किया गया है कि सरप्लस और अनुपयोगी सामग्री को अनुपयोगी घोषित करने से पहले सक्षम प्राधिकारी से अनुमोदन लेना अनिवार्य होगा। इसके लिए सरकार की नीतियों के अनुसार आवश्यक इंडेंट महानिदेशक, आपूर्ति एवं निपटान, हरियाणा अथवा संबंधित उपायुक्त को भेजा जाएगा। सभी विभागों को सामग्री का पूरा विवरण, जिसमें सामग्री का प्रकार, खरीद का वर्ष, मात्रा, खरीद मूल्य, वर्तमान स्थिति और अन्य टिप्पणियां शामिल हों, निर्धारित प्रारूप में निदेशालय को उपलब्ध कराना होगा। पत्र जारी होने के 30 दिनों के भीतर प्रारंभिक कार्यवाही रिपोर्ट और इसके बाद त्रैमासिक प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत करना अनिवार्य होगा।

सरकार ने पाया कि विभिन्न विभागों, बोर्डों और निगमों में बड़ी मात्रा में सरप्लस, अनुपयोगी और अप्रचलित सामग्री जमा है। ऐसी सामग्री को लंबे समय तक रखने से मूल्यवान भंडारण स्थान अवरुद्ध होता है और सामग्री के नष्ट होने का खतरा बढ़ता है। इससे सार्वजनिक निधि भी अनावश्यक रूप से बंधी रहती है, जिसे विकास कार्यों जैसे शिक्षा, स्वास्थ्य और बुनियादी ढांचे में निवेश किया जा सकता है। इस स्थिति को देखते हुए सरकार ने तत्काल निपटान की प्रक्रिया शुरू करने का निर्णय लिया है, ताकि संसाधनों का बेहतर उपयोग हो सके। मुख्य सचिव ने पत्र में सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को निर्देशों का तत्काल अनुपालन सुनिश्चित करने को कहा है। यह कदम हरियाणा सरकार की उस प्रतिबद्धता को दर्शाता है, जिसमें वित्तीय पारदर्शिता और जवाबदेही को प्राथमिकता दी गई है। अनुपयोगी सामग्री के निपटान से भंडारण स्थान खाली होगा, जिससे नए संसाधनों के लिए जगह बन सकेगी। साथ ही, निपटान से प्राप्त धन को अन्य उत्पादक कार्यों में निवेश किया जा सकेगा। यह पहल सरकारी विभागों में जमा पुराने उपकरणों, फर्नीचर, वाहनों और अन्य अनुपयोगी सामग्री के व्यवस्थित निपटान को सुनिश्चित करेगी। इससे न केवल प्रशासनिक दक्षता बढ़ेगी, बल्कि अनावश्यक खर्चों में भी कमी आएगी। यह कदम हरियाणा के प्रशासनिक तंत्र को और अधिक प्रभावी बनाने की दिशा में एक मील का पत्थर साबित हो सकता है। सरकार की यह पहल न केवल संसाधन प्रबंधन को मजबूत करेगी, बल्कि राज्य के समग्र विकास में भी योगदान देगी।