हरियाणा में विश्वस्तरीय खेल विश्वविद्यालय बनाने की तैयारी, सीएम ने दो माह में मांगी डीपीआर

चंडीगढ़। हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) के अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि राज्य में भवनों और सड़कों के निर्माण कार्यों में किसी भी प्रकार की लापरवाही या खामी को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि ड्राइंग और निविदा दस्तावेजों में जानबूझकर त्रुटियां छोड़कर कार्य आवंटित करने वाले अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। मुख्यमंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि निर्माण सामग्री की गुणवत्ता से किसी भी स्तर पर समझौता स्वीकार्य नहीं होगा।
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी सोमवार को चंडीगढ़ में लोक निर्माण विभाग की बुलाई गई कैबिनेट सब-कमेटी की बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। इस बैठक में लोक निर्माण मंत्री रणबीर गंगवा भी मौजूद रहे। सीएम ने अधिकारियों को सख्त लहजे में कहा कि जनता के पैसों से चलने वाले विकास कार्यों में पारदर्शिता और गुणवत्ता सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए। बैठक में मुख्यमंत्री ने कई निर्माण परियोजनाओं को स्वीकृति दी। इनमें फरीदाबाद के नाहर सिंह स्टेडियम के निकट बन रहे पैरा ओलंपिक भवन, महेंद्रगढ़ में न्यायिक परिसर में सिविल जज (जूनियर एवं सीनियर) के पांच आवासीय परिसरों तथा चरखी दादरी के ढिगावा जाटान स्थित राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय के भवन निर्माण कार्य की इन्हांसमेंट को मंजूरी दी गई। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने हरियाणा खेल विश्वविद्यालय, राई (सोनीपत) से संबंधित महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश भी दिए। उन्होंने अधिकारियों को आदेश दिया कि विश्वविद्यालय के प्रशासनिक भवन, शैक्षणिक भवन, हॉस्टल, स्पोर्ट्स इन्फ्रास्ट्रक्चर भवन और पूरे परिसर की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) दो महीने के भीतर तैयार की जाए। सीएम सैनी ने कहा कि विश्वविद्यालय का डिजाइन इस तरह तैयार हो कि खिलाड़ियों को विश्वस्तरीय सुविधाएं उपलब्ध कराई जा सकें। बैठक में लोक निर्माण विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अनुराग अग्रवाल, माध्यमिक शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव विनीत गर्ग, खेल विभाग के प्रधान सचिव नवदीप विर्क सहित कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे। सीएम ने अधिकारियों से कहा कि समयबद्धता और गुणवत्ता के साथ विकास कार्य पूरे किए जाएं ताकि जनता को बेहतर सुविधाएं मिल सकें।