हरियाणा: यमुनानगर में यूरिया खाद की कालाबाजारी! 1512 बैग जब्त,सख्त कार्रवाई के निर्देश

यमुनानगर। हरियाणा के यमुनानगर जिले में किसानों के लिए सब्सिडी पर उपलब्ध यूरिया खाद की कालाबाजारी के तीन बड़े मामले सामने आए हैं। कृषि विभाग और पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में कुल 1512 बैग यूरिया खाद जब्त की गई है। इन मामलों ने एक बार फिर किसानों के हितों पर कुठाराघात करने वाली कालाबाजारी की गंभीर समस्या को उजागर किया है। उप कृषि निदेशक डॉ. आदित्य डबास ने बताया कि विभाग लगातार ऐसी गतिविधियों पर नजर रख रहा है और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा रही है। पहला मामला यमुनानगर के साढ़ौरा क्षेत्र से सामने आया, जहां अनाज मंडी में एक दुकान के गोदाम से 432 बैग यूरिया खाद बरामद किए गए। दूसरा मामला रॉयल पैलेस का है, जहां 240 बैग यूरिया जब्त किए गए। तीसरे मामले में एक ट्रक से यूरिया खाद की बरामदगी हुई। कुल मिलाकर, तीनों मामलों में 1512 बैग यूरिया खाद कब्जे में ली गई। डॉ. डबास ने बताया कि विभाग को सूचना मिली थी कि किसानों के लिए सब्सिडी पर उपलब्ध यूरिया को प्लाईवुड फैक्ट्रियों में बेचने के लिए गोदामों और पैलेस में छिपाया गया है। छापेमारी के दौरान यह सूचना सही पाई गई।
कृषि विभाग ने गुणवत्ता नियंत्रण निरीक्षक बालमुकुंद को बुलाकर बरामद यूरिया के सैंपल लिए। इन सैंपलों को जांच के लिए भेजा गया है, ताकि खाद की गुणवत्ता और इसके दुरुपयोग की पुष्टि हो सके। मामला साढ़ौरा पुलिस को सौंप दिया गया है, जो अब इसकी गहन जांच करेगी। उप कृषि निदेशक ने बताया कि जिन लाइसेंसधारक विक्रेताओं के जरिए यह यूरिया खाद मंगवाई गई थी, उनके खिलाफ भी कार्रवाई शुरू की गई है। साढ़ौरा के लाइसेंसधारी विक्रेता को लाइसेंस रद्द करने का नोटिस जारी किया जाएगा। साथ ही, तीनों मामलों में एफआईआर दर्ज कर ली गई है और आगे की कार्रवाई जारी है। किसानों को सब्सिडी पर मिलने वाला यूरिया खाद 270 रुपये प्रति बैग के हिसाब से उपलब्ध होता है, जबकि प्लाईवुड फैक्ट्रियों में इसका उपयोग करने वाला यूरिया 2000 रुपये प्रति बैग तक बिकता है। कुछ दलाल इस सब्सिडी वाले यूरिया को सस्ते दामों पर खरीदकर मोटा मुनाफा कमाने के लिए प्लाईवुड फैक्ट्रियों को बेच देते हैं। यह धंधा लंबे समय से चल रहा है, जिससे किसानों को समय पर खाद उपलब्ध नहीं हो पाता। डॉ. डबास ने कहा कि विभाग इस तरह की कालाबाजारी को रोकने के लिए लगातार छापेमारी कर रहा है, लेकिन इसके बावजूद ऐसे मामले सामने आ रहे हैं। हरियाणा सरकार किसानों के हितों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। उप कृषि निदेशक ने कहा कि विभाग ऐसी गतिविधियों पर कड़ी नजर रख रहा है और दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। लाइसेंस रद्द करने और एफआईआर दर्ज करने के साथ-साथ भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए और सख्त कदम उठाए जाएंगे। यह कार्रवाई न केवल कालाबाजारी पर अंकुश लगाएगी, बल्कि किसानों को समय पर और उचित मूल्य पर खाद उपलब्ध कराने में भी मदद करेगी।