Fact Check: तो क्या वाकई 2019 के चुनाव में पाकिस्तान की कंपनी से लिया गया था चंदा! Hub power company का क्या है सच? लिंक में पढ़े और जाने सच्चाई

सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने सुप्रीम कोर्ट की सख्ती के बाद इलेक्टोरल बॉन्ड्स का डेटा चुनाव आयोग को सौंप दिया है। वही चुनाव आयोग ने गुरुवार (14 मार्च) को इलेक्टोरल बॉन्ड का डेटा अपनी वेबसाइट पर जारी किया। इसके मुताबिक भाजपा सबसे ज्यादा चंदा लेने वाली पार्टी है। 12 अप्रैल 2019 से 11 जनवरी 2024 तक पार्टी को सबसे ज्यादा 6,060 करोड़ रुपए मिले हैं।दिए। इन आंकड़ों को अब चुनाव आयोग ने सार्वजनिक भी कर दिया है। इसमें उन सभी कंपनियों के नाम हैं, जिन्होंने इस बॉन्ड के जरिए चंदा दिया था। इसी सूची में एक नाम है हब पॉवर कंपनी (Hub Power Company) का। इसी कंपनी के बारे में अब सोशल मीडिया में गर्मा गर्मी का माहौल बना हुआ है,सोशल मीडिया में इस कंपनी की फंडिंग के साथ फोटो और गूगल में सर्च की गई फोटो के साथ दावा किया जा रहा है कि यह कंपनी पाकिस्तान की है। तो क्या वाकई 2019 के चुनावो में पाकिस्तान की ओर से फंडिंग की गई थी?क्या है इसकी सच्चाई?
दरअसल सोशल मीडिया पर एक पोस्ट दिखा- "A Pakistan based company, Hub Power Company, donated Electoral Bonds weeks after the Pulwama attack!"(पाकिस्तान की एक कंपनी है हब पॉवर कंपनी, जिसने पुलवामा अटैक के कुछ हफ्ते बाद इलेक्टोरल बॉन्ड से चंदा दिया है।) इस तरह के पोस्ट में जिस हब पॉवर कंपनी की बात की जा रही है, दरअसल वह पाकिस्तानी कंपनी नहीं है। यह कंपनी शुद्ध रूप से भारतीय है। रजिस्ट्रेशन में इसका पता राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के गांधीनगर इलाके का दिया गया है।
लोगों को कंफ्यूजन इसलिए हुआ है क्योकि पाकिस्तान में पावर सेक्टर की एक कंपनी है Hub Power Company Limited (HUBCO)। इसके पास 3581 मेगावाट बिजली उत्पादन करने की इंस्टाल्ड कैपिसिटी है। कंपनी का हब प्लांट मौजा कुंड में है। इसके अलावा भी कंपनी के कई प्लांट हैं। चुनाव आयोग के जरिए अपलोड किए गए डाटा को देखने से पता होता है कि इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदने में ग्रासिम इंडस्ट्रीज, मेघा इंजीनियरिंग, पीरामल एंटरप्राइजेज, टोरेंट पावर, भारती एयरटेल, डीएलएफ कमर्शियल डेवलपर्स, वेदांता लिमिटेड, अपोलो टायर्स, लक्ष्मी मित्तल, एडलवाइस, पीवीआर, केवेंटर, सुला वाइन, वेलस्पन, और सन फार्मा जैसी कंपनियां शामिल हैं।
बीजेपी, कांग्रेस, एआईएडीएमके, बीआरएस, शिवसेना, टीडीपी, वाईएसआर कांग्रेस, डीएमके, जेडीएस, एनसीपी, तृणमूल कांग्रेस, जेडीयू, आरजेडी, आप और समाजवादी पार्टी ने इन इलेक्टोरल बॉन्ड को इनकैश किया है। फ्यूचर गेमिंग और होटल सर्विसेज (1,368 करोड़ रुपये) और मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (966 करोड़ रुपये) ने सबसे ज्यादा कीमत के इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदे हैं।