दलित प्रोफेसर को कुर्सी से हटाकर जमीन पर बैठने को किया मजबूर! तस्वीर वायरल होने के बाद लोगों में आक्रोश, सरकार की चुप्पी पर उठ रहे सवाल

Dalit professor was removed from his chair and forced to sit on the ground! People are angry after the picture went viral, questions are being raised on the silence of the government

नई दिल्ली। आंध्र प्रदेश में एसवी वेटरनरी यूनिवर्सिटी के डेयरी टेक्नोलॉजी कॉलेज में प्रिंसिपल द्वारा दलित सहायक प्रोफेसर डॉ. रवि से कथित तौर पर जातिगत भेदभाव करने का मामला सामने आया है। आरोप है कि प्रिंसिपल ने उनके कार्यालय से कुर्सी हटा दी और उन्हें फर्श पर बैठकर काम करने के लिए मजबूर किया गया। उन्होंने आरोप लगाया कि गुरुवार को वह छुट्टी पर थे और शुक्रवार को जब वह कॉलेज लौटे और अपने कमरे में गए तो पाया कि वहां कुर्सी नहीं थी। मौजूदा डिवाइस में दूध का परीक्षण करने आए एसोसिएट डीन रवींद्र रेड्डी ने अपने कमरे से कुर्सी हटा ली थी। तस्वीरों में डॉ. रवि को उनके कार्यालय या चैंबर के अंदर एक सफ़ेद चादर पर बैठे हुए दिखाया गया है, जो विरोध प्रदर्शन है। उनके सामने एक कंप्यूटर मॉनीटर, कीबोर्ड और सीपीयू है, जिसके केबल फर्श पर फैले हुए हैं। जब वे काम कर रहे होते हैं तो पास में ही कागज़ और पेन होल्डर बिखरे पड़े होते हैं। सोशल मीडिया पर वायरल हुई इन तस्वीरों से लोगों में आक्रोश फैल गया और कई लोगों ने इस घटना को ‘हास्यास्पद’ और ‘घृणित’ कहा। जब तेलुगु भाषा के दैनिक समाचार पत्र, आंध्र ज्योति ने डीन नागेश्वर राव से इस मामले के संबंध में स्पष्टीकरण मांगा, तो उन्होंने कहा कि एसोसिएट डीन ने उन्हें बताया था कि आवश्यकतानुसार डीबीएम विभाग के लिए दो कुर्सियां ​​खरीदी गई थीं और चूंकि उनमें से एक डेयरी प्रौद्योगिकी विभाग में पाई गई थी, इसलिए उसे बदल दिया गया। उन्होंने आश्वासन दिया कि ऐसी घटनाएं दोबारा न हों, इसके लिए कदम उठाए जाएंगे। वहीं वाईएसआर कांग्रेस पार्टी ने मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू से सवाल किया कि जब एक दलित सहायक प्रोफेसर पर इस तरह का अपमान किया जा रहा था, तो वह कार्रवाई किए बिना सिर्फ मूकदर्शक क्यों बने रहे?