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विवादित बयान!तमिलनाडु के शिक्षा मंत्री ने भारत की गौरवशाली हिंदी भाषा पर दिया शर्मनाक बयान,राष्ट्रवादी गीतकार मनोज मुंतशिर ने दिया करारा जवाब

Controversial statement! Tamil Nadu Education Minister gave objectionable statement on India's proud Hindi language, Nationalist lyricist Manoj Muntashir gave a befitting reply

एक ओर जब आज पूरी दुनिया मे भारत की गौरवशाली हिंदी भाषा प्रचलित हो रही है तब भारत की तमिलनाडु सरकार में शिक्षा मंत्री डॉ के पोनमुडी ने हिंदी भाषा पर विवादित बयान दिया है। उन्होंने कहा कि जो लोग हिंदी बोलते है वो छोटे मोटे ही काम करते है हिंदी बोलने वाले कोयम्बटूर में पानीपुरी बेच रहे हैं। जाहिर है अगर जो बयान उन्होंने दिया वो किसी और भाषा के लिए होता तो शायद अब तक गिरफ्तारी वारंट निकल गया होता। 
उनके इस बयान पर कई बड़े नेताओं और बॉलीवुड के लोगो ने आपत्ति जताई है। बॉलीवुड के देशप्रेमी गीतकार मनोज मुंतशिर ने तमिलनाडु के शिक्षा मंत्री के इस बयान पर अपनी नाराजगी व्यक्त करते हुए अपने फेसबुक पेज पर लिखा है " बक़ौल मैकाले : “हम भारत में ऐसी नस्ल छोड़  जाएँगे जो चमड़ी से भारतीय होगी लेकिन आत्मा से अंग्रेज”

अच्छा होता अगर ये मैकाले-पुत्र मंत्री अंग्रेज़ी की जगह तमिल की तरफ़दारी करते. 

हम हिंदी भाषी भारत-भूमि पर जन्मी हर भाषा के आगे नतमस्तक हैं, पर माँ हिंदी का अपमान सहन नहीं करेंगे! 

हमारे धैर्य की और परीक्षा ली गयी, तो किंग जॉर्ज की अवैध संतानों को भागने के लिए  धरती और गिड़गिड़ाने के लिए भाषाएँ कम पड़ जाएँगी.

बौरा गए तो बरबाद कर देंगे!"

 

मनोज के कड़ी निंदा करने के बाद लाखो लोग मनोज के समर्थन में आ गए है और तमिलनाडु के शिक्षा मंत्री पोनमुडी के खिलाफ बयानबाजी कर रहे है।
आपको बता दें भारथिअर विश्वविद्यालय कोयंबटूर में एक दीक्षांत समारोह को संबोधित कर रहे थे। समारोह में तमिलनाडु के राज्यपाल आरएन रवि के साथ मंच साझा करते हुए, उन्होंने सवाल किया कि हिंदी क्यों सीखनी चाहिए, जबकि अंग्रेजी एक अंतरराष्ट्रीय भाषा पहले से ही सिखाई जा रही है।

उच्च शिक्षा मंत्री पोनमुडी ने तंज कसते हुए कहा कि हिंदी बोलने वाले तो कोयंबटूर में पानीपुरी बेच रहे हैं। पोनमुडी ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के लाभकारी पहलुओं को लागू करने का वादा किया, लेकिन दावा किया कि राज्य सरकार केवल दो-भाषा प्रणाली को लागू करने के लिए दृढ़ है। उन्‍होंने कहा कि भारत में तमिलनाडु की शिक्षा प्रणाली सबसे अच्‍छी और एडवांस है। तमिल छात्र किसी भी भाषा को सीख सकते हैं। उन्‍होंने कहा कि हिंदी भाषी छोटे काम या सेवा चाकरी जैसी नौकरी कर रहे हैं, सड़क किनारे पानीपुरी बेच रहे हैं। अब अंग्रेजी अंतरराष्‍ट्रीय भाषा है, जो हिंदी से अधिक मूल्‍यवान है।