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चंडीगढ़: हरियाणा में अवैध एमटीपी किट की बिक्री पर सख्ती, लिंगानुपात सुधार के लिए स्टेट टास्क फोर्स की बैठक

Chandigarh: Strictness on sale of illegal MTP kits in Haryana, State Task Force meeting to improve sex ratio

चंडीगढ़। हरियाणा स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव सुधीर राजपाल ने आयुष विभाग के डॉक्टरों को अवैध रूप से बिकने वाली मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेगनेंसी (एमटीपी) किट की बिक्री पर कड़ी नजर रखने के निर्देश दिए हैं। मंगलवार को लिंगानुपात सुधार के लिए गठित स्टेट टास्क फोर्स की साप्ताहिक बैठक की अध्यक्षता करते हुए उन्होंने यह निर्देश जारी किए। बैठक में बताया गया कि पिछले वर्ष 31 अगस्त को लिंगानुपात 901 था, जो इस वर्ष 31 अगस्त, 2025 को बढ़कर 907 हो गया है। सुधीर राजपाल ने आयुष डॉक्टरों को निर्देश दिए कि वे अपने आसपास के चार-चार गांवों में यह सुनिश्चित करें कि 12 सप्ताह से अधिक की गर्भवती महिलाएं अवैध गर्भपात न करवाएं। उन्होंने अंबाला, भिवानी, चरखी दादरी, करनाल, सिरसा और पलवल जैसे जिलों के मुख्य चिकित्सा अधिकारियों से लिंगानुपात में अपेक्षित सुधार न होने पर जवाब-तलबी के लिए जल्द बैठक बुलाने का आदेश दिया। इसके साथ ही, एमटीपी किट बेचने वाले होलसेलर्स और एमटीपी सेंटर्स की सख्त मॉनिटरिंग करने के निर्देश दिए गए।

उन्होंने कहा कि निरीक्षण के दौरान यदि किसी गर्भपात में भ्रूण के लिंग की जांच में अनियमितता पाई जाती है, तो संबंधित अल्ट्रासाउंड की जांच की जाए और गड़बड़ी मिलने पर पुलिस में शिकायत दर्ज की जाए। बैठक में यह भी बताया गया कि कार्य में लापरवाही के कारण दो आशा वर्कर्स को नौकरी से हटाया गया है। सोनीपत में एक आशा वर्कर के पति द्वारा दिल्ली से अवैध रूप से एमटीपी किट लाकर बेचने की शिकायत पर दोनों के खिलाफ केस दर्ज कर गिरफ्तारी की गई। वहीं, पंचकूला में एक गर्भवती महिला की मृत्यु के मामले में आशा वर्कर द्वारा उचित निगरानी न करने के कारण उसे नौकरी से हटाया गया। अतिरिक्त मुख्य सचिव ने अधिकारियों को एमटीपी किट खरीदने वालों पर नजर रखने के निर्देश दिए। उन्होंने चेतावनी दी कि लिंग चयन के लिए गर्भ में कन्या भ्रूण की हत्या करने वाली गर्भवती महिलाएं न केवल पाप की भागीदार बन रही हैं, बल्कि डॉक्टरों की सलाह के बिना एमटीपी किट का उपयोग कर अपनी जान को भी जोखिम में डाल रही हैं। बैठक में महिला एवं बाल विकास विभाग की निदेशक मोनिका मलिक, डॉ. कुलदीप सिंह और टास्क फोर्स के अन्य सदस्य मौजूद रहे। सुधीर राजपाल ने सभी संबंधित विभागों को लिंगानुपात सुधार और अवैध गर्भपात रोकने के लिए समन्वित प्रयास करने का आह्वान किया, ताकि इस सामाजिक बुराई पर अंकुश लगाया जा सके।