Breaking: अधिकारी के अंग्रेजी न बोल पाने पर नैनीताल हाइकोर्ट के आदेश पर सुप्रीम कोर्ट की रोक! 53 लोगों को जारी किया नोटिस, जानें क्या है पूरा मामला?

नैनीताल। उत्तराखंड हाइकोर्ट द्वारा दी गई टिप्पणी क्या इंग्लिश न बोलने वाला अधिकारी चुनाव अधिकारी बनने योग्य है? सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को उत्तराखंड हाईकोर्ट के अधिकारी के इंग्लिश न बोल पाने के बाद दिए गए उस आदेश पर रोक लगा दी जिसमें राज्य चुनाव आयुक्त और मुख्य सचिव को यह जांच करने के लिए कहा गया था कि क्या अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट स्तर का कोई अधिकारी, जिसने कहा है कि वह अंग्रेजी बोलने में कुशल नहीं है, किसी कार्यकारी पद को अच्छे तरीके से संभाल सकता है।
हाई कोर्ट ने मतदाता सूची से जुड़ी एक याचिका पर सुनवाई के दौरान मुख्य सचिव व राज्य निर्वाचन आयोग से जवाब मांगा था कि अंग्रेजी नहीं बोल सकने वाले वाले अधिकारी को क्या निर्वाचन ड्यूटी का प्रभावी नियंत्रण सौंपा जा सकता है।
दरअसल नैनीताल के अपर जिलाधिकारी(एडीएम) को अंग्रेजी बोलने में कुशल न होने के कारण हाइकोर्ट ने आदेश दिया था उस आदेश को सुप्रीम कोर्ट ने रोक के साथ ही हाई कोर्ट में जनहित याचिकाकर्ता आकाश बोरा सहित 53 अन्य लोगों को नोटिस जारी किया है। 53 लोग वे हैं, जिनको बाहरी राज्यों का निवासी होते हुए यहां की मतदाता सूची में शामिल बताया गया था। राज्य निर्वाचन आयोग की ओर से हाई कोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी।
सीजेआई बी आर गवई, जस्टिस विनोद चंद्रन और जस्टिस एन वी अंजारिया की पीठ ने राज्य की अपील पर नोटिस जारी करते हुए कहा, “अगले आदेश तक, उत्तराखंड हाईकोर्ट द्वारा पारित 18.07.2025 के विवादित फैसले और आदेश पर रोक रहेगी। पंचायत मतदाता सूची में एंट्री को अंतिम रूप देने के लिए फैमिली रजिस्टर की वैधता से संबंधित एक मामले की सुनवाई करते हुए, उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने अधिकारी से पूछताछ की, जिसका जवाब हिंदी में दिया गया। अधिकारी से पूछा गया कि क्या वह अंग्रेजी जानते हैं तो उन्होंने कहा कि बात करने पर वह अंग्रेजी समझ सकते हैं लेकिन बोल नहीं सकते।