ब्रेकिंग: लीजेंड एक्टर धर्मेंद्र का 89 वर्ष की उम्र में हुआ निधन! करण जौहर से लेकर तमाम सिनेमा जगत के लोगों ने की भावुक पोस्ट, नैनीताल से रहा था ही मैन का सिनेमेटिक कनेक्शन
नई दिल्ली। हिन्दी सिनेमा के लीजेंड और बॉलीवुड के ही-मैन बोले जाने वाले धर्मेंद्र का आज मुंबई में निधन हो गया। वे 89 वर्ष के थे। फिल्म इंडस्ट्री, राजनीतिक क्षेत्र, खेल जगत समेत पूरे देश में शोक की लहर है। धर्मेंद्र भारतीय सिनेमा के उन सुपरस्टार्स में रहे जिन पर कभी स्टारडम कमज़ोर नहीं पड़ा। आज भी उनके डायलॉग, अंदाज़, रोमांस, एक्शन और मास अपील को फिल्मों में बेंचमार्क माना जाता है। धर्मेंद्र के परिवार की ओर से कुछ देर बाद आधिकारिक बयान जारी किया गया है। अंतिम संस्कार मुंबई में ही किए जाने की उम्मीद है। बॉलीवुड के बड़े नामों के पहुंचने का सिलसिला जारी है।
धर्मेंद्र का जन्म 1935 में पंजाब में हुआ था और उन्होंने 1960 के दशक की शुरुआत में एक प्रतिभा खोज प्रतियोगिता के माध्यम से अपने करियर की शुरुआत की. 1950 के दशक में फिल्मफेयर पत्रिका ने बिमल रॉय प्रोडक्शंस के साथ मिलकर हिंदी सिनेमा के लिए नए चेहरे खोजने के लिए एक राष्ट्रव्यापी प्रतिभा प्रतियोगिता का आयोजन किया था। धर्मेंद्र ने इस प्रतियोगिता में भाग लिया और 1958 में अपने आकर्षक रूप और स्वाभाविक आकर्षण के कारण विजेता चुने गए. इस जीत ने उनके लिए फिल्म इंडस्ट्री के द्वार खोल दिए. अपने आकर्षक रूप, भावनात्मक गहराई और सहज स्क्रीन उपस्थिति के कारण वे जल्द ही प्रसिद्धि के शिखर पर पहुंच गए।
1960 के दशक से शुरू हुआ उनका सफर लगातार 5 दशकों तक बॉक्स ऑफिस पर सबसे सफल अभिनेताओं में शामिल रहा। शोले, सीता और गीता, चुपके-चुपके, सत्ते पे सत्ता, दोस्त, धर्म वीर, शोला और शबनम, आंखें आदि फिल्मों ने उन्हें अमर बना दिया। फिल्म जगत के इतिहास में उनकी लोकप्रियता सबसे ज़्यादा समृद्ध, सबसे लंबे समय तक बनी रहने वाले कलाकारों में गिनी जाती है। सोशल मीडिया पर फैंस उनकी पुरानी तस्वीरें, डायलॉग और सीन्स शेयर करके श्रद्धांजलि दे रहे हैं।
धर्मेंद्र का उत्तराखण्ड / नैनीताल से पुराना सिनेमेटिक कनेक्शन
धर्मेंद्र की कुछ फिल्मों की शूटिंग उत्तराखण्ड में भी हुई थी। अस्सी से नब्बे के दशक में धर्मेंद्र की सुपरहिट फिल्म हुकूमत की शूटिंग भी यही हुई। इस फिल्म के कई सीन (भीमताल) क्षेत्र में दुमका भवन के पास आउट डोर सीन शूट हुए थे,धर्मेंद्र उन दिनों सबके फेवरेट एक्टर हुआ करते थे,उन्हें बड़े पर्दे पर ही देखकर ही लोग सीटियां बजाते थे,जब हुकूमत फिल्म की शूटिंग में धर्मेंद्र नैनीताल के भीमताल पहुंचे तब अपने सामने देखकर लोग हद से ज़्यादा खुश हुए उन्हें यकीन ही नही होता था कि अपने फेवरेट हीरो धर्मेंद्र को वो सामने खड़ा देख रहे है। उन दिनों भी नैनीताल फिल्मकारों का फेवरेट हिल यूनिट माना जाता था। उस समय के स्थानीय लोग बताते हैं कि धर्मेंद्र का व्यवहार बेहद सरल और जमीन से जुड़ा था। धर्मेंद्र खुद कई इंटरव्यू में कह चुके थे कि उन्हें पहाड़ी स्थानों का नेचुरल फ्रेम रियल सिनेमा के लिए परफेक्ट लगता है। देश ने सिर्फ एक सुपरस्टार नहीं खोयाबल्कि भारतीय सिनेमा ने एक ज़माना खो दिया। धर्मेंद्र सिर्फ स्क्रीन पर नहीं बल्कि भारतीय सिनेमा की कलेक्टिव मेमोरी में हमेशा ज़िंदा रहेंगे।