संघ प्रमुख भागवत का बड़ा बयान! सरकार को दिलाई 'कर्तव्य' की याद, बोले- हम कभी पड़ोसियों का अपमान या नुकसान नहीं करते लेकिन...

नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में मंगलवार को हुए आतंकी हमले के बाद देशभर में पाकिस्तान के खिलाफ गुस्सा देखने को मिल रहा है। इस बीच संघ प्रमुख मोहन भागवत ने एक बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि अहिंसा हमारा धर्म है और गुंडों को सबक सिखाना भी हमारा धर्म है। हम अपने पड़ोसियों का कभी अपमान या नुकसान नहीं करते, लेकिन फिर भी अगर कोई बुराई पर उतर आए तो दूसरा विकल्प क्या है? राजा का कर्तव्य प्रजा की रक्षा करना है, राजा को अपना कर्तव्य निभाना चाहिए।
दरअसल, संघ प्रमुख भागवत राजधानी दिल्ली में आयोजित एक पुस्तक विमोचन कार्यक्रम में बोल रहे थे। कार्यक्रम में पहलगाम आतंकी हमले में जान गंवाने वाले पर्यटकों को श्रद्धांजलि अर्पित की गई। इस दौरान संघ प्रमुख भागवत ने कहा कि हमारा धर्म संतुलन देने वाला धर्म है। हमारे यहां स्पष्ट उल्लेख है। अहिंसा ही हमारा स्वभाव, हमारा मूल्य है। हमारी अहिंसा लोगों को अहिंसक बनाने के लिए है। कुछ लोग (अहिंसक) बन जाएंगे, कुछ लोग बिगड़ जाएंगे...और इतने बिगड़ जाएंगे कि दुनिया में उपद्रव करेंगे। हम किसी के दुश्मन नहीं हैं। द्वेष हमारा स्वभाव नहीं है। रावण का वध भी उसके कल्याण के लिए हुआ। संहार को हिंसा नहीं कहते। आततायियों से मार न खाना और गुंडागर्दियों को सबक सिखाना, यह भी हमारा धर्म है। पाश्चत्य विचार पद्धति में यह दोनों चीजें एक साथ नहीं चल सकतीं। वहां यह संतुलन ही नहीं है, लेकिन हमारे यहां यह संतुलन है। उन्होंने कहा कि हम कभी भी अपने पड़ोसियों का कोई अपमान, कोई हानि नहीं करते, लेकिन अगर हम इस तरह रहें और तब भी कोई बुराई पर ही उतर आए तो हमारे पास दूसरा इलाज क्या है? राजा का तो कर्तव्य है प्रजा की रक्षा करना है और राजा अपना कर्तव्य करेगा। गीता में अहिंसा का उपदेश है, लेकिन महाभारत में अर्जुन लड़े। उन्होंने लोगों को मारा क्योंकि उस समय उनके सामने ऐसे लोग थे कि उनका दूसरा इलाज नहीं था।