बड़ी खबरः 2 हजार करोड़ का क्लासरूम घोटाला! फिर बढ़ सकती है आप नेता सिसोदिया और सत्येंद्र जैन की मुश्किलें, एसीबी ने दर्ज की FIR

Big news: Classroom scam of 2 thousand crores! AAP leaders Sisodia and Satyendra Jain's troubles may increase again, ACB filed FIR

नई दिल्ली। दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया और पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन की मुश्किलें एक बार फिर बढ़ सकती हैं। खबरों की मानें तो दिल्ली पुलिस की एंटी करप्शन ब्यूरो ने क्लारूम के निर्माण में कथित भ्रष्टाचार को लेकर दोनों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। अधिकारियों ने बताया कि आम आदमी पार्टी सरकार के कार्यकाल के दौरान 12,748 क्लासरूम या बिल्डिंग के निर्माण से जुड़ा घोटाला 2,000 करोड़ रुपये का है। एसीबी के चीफ मधुर वर्मा ने एफआईआर दर्ज होने की पुष्टि की। उन्होंने कहा, ‘सीवीसी के चीफ टेक्निल एग्जामिनर की रिपोर्ट में प्रोजेक्ट में कई विसंगतियां बताई गई थीं और रिपोर्ट को लगभग तीन साल तक दबाए रखा गया। सक्षम प्राधिकारी से धारा 17-ए पीओसी अधिनियम के तहत इजाजत मिलने के बाद मामला दर्ज किया गया।’ अधिकारियों ने बताया कि कथित तौर पर यह प्रोजेक्ट AAP से जुड़े कुछ ठेकेदारों को दिया गया था।

इसमें लागत में बढ़ोतरी देखी गई और तय समय सीमा के अंदर काम पूरा नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि प्रोजेक्ट के लिए एडवाइजर और आर्किटेकट को सही प्रोसेस का पालन किए बैगर ही नियुक्त कर लिया गया। बीजेपी सांसद मनोज तिवारी ने 2019 में जोन 23, 24 और 28 के सरकारी स्कूलों में एडिशनल क्लासरूम के निर्माण में वित्तीय अनियमितताओं का आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज कराई थी। अपनी शिकायत में उन्होंने आरोप लगाया था कि सरकार ने एक क्लासरूम 28 लाख रुपये खर्च किए, जबकि एक क्लास को बनाने में महज पांच लाख रुपये लगते हैं। टेंडर के अनुसार, एक स्कूल रूम को बनाने की एकमुश्त लागत लगभग 24.86 लाख रुपये प्रति कमरा है, जबकि दिल्ली में ऐसे कमरे आमतौर पर लगभग 5 लाख रुपये में बनाए जा सकते हैं। इसके अलावा यह आरोप लगाया गया है कि परियोजना 34 ठेकेदारों को दी गई थी। इनमें से ज्यादातर आप से जुड़े हुए थे। वेरिफिकेशन के दौरान पता चला कि फाइनेंसियल ईयर 2015-16 के लिए वित्त समिति की बैठकों में यह फैसला लिया गया था कि प्रोजेक्ट को मंजूर की गई लागत पर जून 2016 तक पूरा कर लिया जाएगा। इसमें भविष्य में बढ़ोतरी की कोई गुंजाइश नहीं होगी। हालांकि, अधिकारियों ने कहा कि इन निर्देशों के बावजूद तय समय सीमा के अंदर एक भी काम पूरा नहीं हुआ।