Big Breaking: बांग्लादेश में फिर बिगड़े हालात! उपद्रवियों ने शेख मुजीबुर्रहमान के घर को किया आग के हवाले, शेख हसीना बोलीं- पाकिस्तान ने भी कभी...
नई दिल्ली। बांग्लादेश में एक बार फिर हालात बिगड़ते हुए दिख रहे हैं। यहां बुधवार 5 फरवरी की रात को उपद्रवियों ने शेख मुजीबुर्रहमान के घर को आग के हवाले कर दिया। जिसके बाद वहां एक बार फिर हिंसा भड़क उठी है। बता दें कि शेख हसीना ने अवामी लीग के कार्यकर्ताओं और नेताओं से 6 फरवरी के दिन सड़कों पर उतरने की अपील की थी। इसके जवाब में उपद्रवी बुलडोजर लेकर धानमंडी 32 इलाके में पहुंच गए, जहां उन्होंने घर में घुसकर तोड़फोड़ और आगजनी की। गौरतलब है कि शेख हसीना को बांग्लादेश छोड़े लगभग 6 महीने हो गए हैं। खबरों के मुताबिक शेख हसीना ने एक ऑनलाइन भाषण के जरिए अवामी लीग के नेताओं और कार्यकर्ताओं से अपील की थी कि वे मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करें। बताया जा रहा है कि इस आहवान के बाद अवामी लीग आज गुरुवार, 6 फरवरी को बांग्लादेश में ट्रांसपोर्ट सिस्टम को बंद करके हाइवे समेत कई शहरों को जाम करने की तैयारी में थी। लेकिन इससे पहले ही वहां हिंसा भड़क गयी और उपद्रवियों ने शेख मुजीबुर्रहमान के घर को जला दिया।
वहीं ढाका के धानमंडी में बांग्लादेश के संस्थापक बंगबंधु शेख मुजीब के ऐतिहासिक आवास को ध्वस्त करने के बाद अब इस पर शेख हसीना की प्रतिक्रिया आई है। उन्होंने कहा कि यहीं से हमारे संस्थापक पिता ने बांग्लादेश की मुक्ति का आह्वान किया था। वहां उन्हें पाकिस्तान की तरफ से गिरफ्तार कर लिया गया, लेकिन इसके बावजूद पाकिस्तानी सेना ने भी कभी इमारत को गिराया या जलाया नहीं। जब शेख मुजीब बांग्लादेश लौटे, तो उन्होंने इसी घर से देश के पुनर्निर्माण की कमान संभाली। वह कभी भी राष्ट्रपति भवन या प्रधानमंत्री आवास में स्थानांतरित नहीं हुए। इसी घर में मेरे पूरे परिवार के साथ उनकी हत्या कर दी गयी। मेरे परिवार को ख़त्म कर दिया गया। मैं अपनी बहन के साथ बच गईं, क्योंकि हम विदेश में थे। खबरों के मुताबिक अवामी लीग के आंदोलन करने से पहले ही उपद्रवी शेख मुजीबुर्रहमान के घर के मेन गेट को तोड़कर अंदर घुस गए। उपद्रवियों की प्लानिंग घर को गिराने की थी। हालांकि उन्होंने घर को गिराने का फैसला नहीं किया और घर में तोड़फोड़ की और संपत्ति को आग को हवाले कर दिया। इसके अलावा उपद्रवी घर की दूसरी मंजिल पर चढ़ गए और हथौड़ों और लोहे की छड़ों के इस्तेमाल से उन्होंने शेख मुजीबुर रहमान की तस्वीरों को नष्ट कर दिया।