एंजेल चकमा मर्डर केसः पूर्वोत्तर में जबरदस्त आक्रोश! सीएम धामी ने की पीड़ित परिवार से बात, सीसीटीवी फुटेज आया सामने! राहुल गांधी ने बीजेपी पर किया कटाक्ष
देहरादून। राजधानी देहरादून के सेलाकुई इलाके में विगत 9 दिसंबर को त्रिपुरा के छात्र एंजेल चकमा के साथ हुए दुर्व्यवहार और 17 दिन बाद अस्पताल में उसकी मौत के मामले को लेकर लोगों में आक्रोश देखने को मिल रहा है। एंजेल चकमा को न्याय दिलाने की मांग को लेकर पूर्वोत्तर में लोग सड़कों पर उतरकर कैंडल मार्च निकाल रहे हैं। इधर घटनाक्रम को लेकर सीसीटीवी फुटेज सामने आया है। इस फुटेज में दो आरोपी शराब की दुकान पर खड़े दिखाई दे रहे हैं। बताया जा रहा है कि वहीं पर नस्लीय टिप्पणी के बाद मारपीट हुई थी और पीड़ित अंजेल गंभीर रूप से घायल हो गया था। वहीं आज मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पीड़ित परिवार से फोन पर बात कर दोषियों को कड़ी सजा दिलवाने का आश्वासन दिया। सीएम धामी ने सोमवार को एंजेल चकमा के पिता तरुण प्रसाद चकमा से फोन पर बातचीत कर बेटे की निर्मम हत्या पर गहरा शोक व्यक्त किया। सीएम ने आश्वस्त किया कि इस जघन्य अपराध में शामिल सभी दोषियों को कानून के तहत कड़ी से कड़ी सजा दिलाई जाएगी। मुख्यमंत्री ने बताया कि इस मामले में अब तक पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है, जबकि एक अन्य आरोपी के नेपाल फरार होने की आशंका है। फरार आरोपी की गिरफ्तारी के लिए इनाम घोषित कर विशेष टीमें गठित की गई हैं और उसे जल्द पकड़ने के प्रयास जारी हैं। धामी ने कहा कि वो इस घटना से व्यक्तिगत रूप से बेहद आहत हैं और पीड़ित परिवार के दुःख को भली भांति समझते हैं। सीएम ने परिवार से बातचीत करते हुए कहा कि उत्तराखंड शांतिप्रिय प्रदेश रहा है जहां देश विदेश से छात्र शिक्षा ग्रहण करने आते हैं। इस प्रकार की घटना न केवल प्रदेश बल्कि पूरे समाज के लिए पीड़ादायक है। सीएम ने मृतक के पिता से बातचीत में कहा कि राज्य सरकार ऐसे मामलों में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं करेगी और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी। वहीं इस मामले पर अब कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी का भी बयान आया है। राहुल गांधी ने एक्स पर पोस्ट किया, जिसमें उन्होंने लिखा कि देहरादून में एंजेल चकमा और उनके भाई माइकल के साथ जो हुआ, वह एक भयानक नफरत का अपराध है। राहुल गांधी ने एंजेल चकमा की हत्या के मामले का जिक्र करते हुए कहा कि नफरत रातों-रात पैदा नहीं होती। सालों से इसे रोज़ बढ़ावा दिया जा रहा है। खासकर हमारे युवाओं को ज़हरीले कंटेंट और गैर-ज़िम्मेदार कहानियों के ज़रिए, जबकि सत्ताधारी बीजेपी के नफरत फैलाने वाले नेताओं द्वारा इसे नॉर्मल बनाया जा रहा है।
अंजेल चकमा बोलता रहा मैं भारतीय हूं, नहीं रूके हमलावर
दरअसल, त्रिपुरा का 24 वर्षीय एमबीए छात्र अंजेल चकमा पढ़ाई के सपने लेकर उत्तराखंड आया था। आरोप है कि नस्लीय टिप्पणियों और मारपीट के बाद अंजेल ने 14 दिनों तक अस्पताल में जिंदगी और मौत से जूझने के बाद दम तोड़ दिया। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक हमले के दौरान अंजेल बार-बार कह रहा था, मैं भारतीय हूं, यह शब्द उसकी आखिरी कोशिश थी खुद को बचाने की। यह घटना 9 दिसंबर की है। अंजेल अपने छोटे भाई माइकल चकमा के साथ देहरादून के सेलाकुई बाजार स्थित एक शराब के ठेके पर गया था। इसी दौरान वहां मौजूद कुछ स्थानीय लोगों से कहासुनी हो गई। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार आरोपियों ने दोनों भाइयों पर नस्लीय टिप्पणियां कीं और उन्हें चीनी कहकर पुकारा। दोनों भाई बार-बार खुद को भारतीय बताते रहे, लेकिन विवाद बढ़ता गया और मारपीट में बदल गया।