कलयुगी बेटे की खौफनाक करतूतः मां-बाप की हत्या कर शवों को तीन-तीन हिस्सों में काटकर नदी में बहाया! पहले लोहे की रॉड से किए वार, फिर आरी से चीरा शरीर
जौनपुर। यूपी के जौनपुर से एक सनसनीखेज मामला सामने आया है, यहां एक कलयुगी बेटे ने अपने माता-पिता की हत्या कर दी। वारदात को अंजाम देने के बाद हैवान बेटे ने दोनों शवों को तीन-तीन हिस्से में करके सीमेंट की बोरी में भर कर गोमती नदी में फेंक दिया। इस दौरान मां के शरीर का एक कटा हुआ हिस्सा बोरी में नहीं आ पा रहा था, जिसको बेटे ने अलग से वाराणसी जाते हुए सई नदी में फेंक दिया। बताया जा रहा है कि पारिवारिक और पैसों के विवाद में बेटे द्वारा इस घटना को अंजाम दिया गया। मामले का खुलासा होने के बाद क्षेत्र में सनसनी फैली हुई है और हर कोई स्तब्ध है। जानकारी के अनुसार 65 वर्षीय श्याम बहादुर अपनी पत्नी के बबिता के साथ अहमदपुर गांव में रहते थे। श्याम बहादुर की 3 बेटी और एक बेटा था। बेटा अंबेश अपनी पत्नी और दो बच्चों के साथ कोलकाता में रहता था। 3 महीने पहले वो अकेला घर चला आया था। घर में मां-पिता और बेटा ही थे। पुलिस के मुताबिक अंबेश का आए दिन माता-पिता से विवाद होता रहता था। पैसे और जमीन की बात को लेकर उसकी अनबन होती रहती थी। इसी दौरान बेटी वंदना ने पिता को फोन मिलाया तो उसकी बात नहीं सकी। कई बार फोन मिलाने पर भी कुछ पता नहीं चला। भाई को भी फोन मिलाया तो पता नहीं चला। 13 दिसंबर को जफराबाद थाने पर वंदना द्वारा उसके माता-पिता और भाई की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई गई। वंदना द्वारा बताया गया है कि उसके माता-पिता घर पर नहीं हैं और भाई भी गायब है, जिसके बाद पुलिस ने जांच शुरू की।
पैसों की डिमांड, परिजनों की मनाही और कर दी हत्या
तलाशी के दौरान 15 दिसंबर को अंबेश पुलिस को मिल गया। जब पुलिस ने उससे पूछताछ की तो वह बार-बार बयान बदलने लगा, जिसपर पुलिस को शक हुआ। कड़ाई से पूछताछ करने पर आरोपी बेटे ने सच उगल दिया। उसने बताया कि कोरोना के दौरान उसने एक मुस्लिम लड़की से कोलकाता में शादी की थी। शादी के बाद 2 बच्चे भी हुए, लेकिन परिवार वाले इस शादी से खुश नहीं थे। दूसरे धर्म में की गयी शादी को लेकर घर में लड़ाई होती थी। घर वाले चाहते थे कि वो पत्नी से अलग हो जाए। पत्नी मेंटेनेंस के पैसों की डिमांड कर रही थी। उसने पैसों को लेकर घर पर बात की, लेकिन माता-पिता ने पैसे देने से इंकार कर दिया। इसके बाद विवाद होने लगा और 8 दिसंबर की रात वो विवाद इतना बढ़ गया कि अंबेश ने लोहे की रॉड से दोनों के सिर पर प्रहार कर दिया। तभी जख्मी पिता ने किसी को फोन करना चाहा तो अंबेश ने उनके सिर पर भी ताबड़तोड़ वार किए। चीखने पर उसने पिता के गले को रस्सी से कस दिया। घर में कंस्ट्रक्शन के काम के बेसमेंट में आरी और अन्य औजार रखे हुए थे। अम्बेश ने आरी से शवों को तीन-तीन टुकड़ों में काट दिया और 6 सीमेंट की बोरी में भरा। इसके बाद उसने अपने माता-पिता के कपड़ों से ही फर्श को साफ किया। हत्या करने के बाद अंबेश ने बेसमेंट से अपनी कार निकाली। सीमेंट की बोरी में रखे गए शव को डिक्की में रखा और घर से लगभग 7 किलोमीटर दूर बेलाव पुल पर उसने बोरी को नदी में फेंक दिया। इस दौरान मां के शव का एक टुकड़ा बोरी में नहीं आ पा रहा था। उस टुकड़े को वाराणसी जाते वक्त अंबेश द्वारा सई नदी में फेंक दिया गया।
शव ठिकाने लगाने के बाद घूमने चल दिया आरोपी
इसके बाद हैवान बेटा जौनपुर और बनारस घूमने निकल गया। इस दौरान जब बहन ने अंबेश को फोन कर माता-पिता के बारे में पूछा तो उसने बताया कि वह लोग कहीं चले गए हैं और वह भी उन्हें ढूंढने निकला है। इसके बाद 13 दिसंबर को बहन वंदना जाफराबाद थाने पहुंच गई। बहन द्वारा पुलिस को जानकारी दी गई की 8 दिसंबर से उनके माता-पिता गायब हैं और वही उनको ढूंढने निकला उनका भाई 12 दिसंबर से नहीं मिल रहा है। पुलिस इसे गुमशुदगी का मामला मानकर तीनों तलाश कर रही थी। ज़ब सर्विलांस के जरिये अंबेश का पता चला तो पुलिस ने माता-पिता के बारे में पूछा। पूछताछ में अंबेश बार-बार अपना बयान बदलता रहा, जिससे पुलिस का शक गहरा गया। इसके बाद सख्ती से पूछताछ में अंबेश ने अपना जुर्म कबूल कर लिया। अपर पुलिस अधीक्षक नगर आयुष श्रीवास्तव ने जानकारी देते हुए बताया कि पिता के शव का एक टुकड़ा गोताखोरों द्वारा बरामद कर लिया गया है। अन्य टुकड़ों की तलाश में गोताखोर की टीम को लगाया गया है।