हाई कोर्ट ने उत्तराखंड सरकार से माँगा ३ सप्ताह के भीतर जवाब ,पूर्व सरकार के समय का है मामला

2015 में अल्मोडा के नैनीसार में नियम के विरूद्ध गाँव की 356 नाली जमीन गैर कानूनी रूप से निजी उद्योगपति की संस्था को देने के मामले में उत्तराखंड हाईकोर्ट ने सख्त रूख अपनाते हुए राज्य सरकार को 3 सप्ताह में विस्तृत जवाब देने के आदेश दिए है। साथ ही कोर्ट ने सरकार ने पूछा है कि किस आधार पर सरकार ने गाँव की भूमी को निजी संस्था के हाथों में दे दिया। वहीं सरकार द्वारा कम दाम पर गाँव की भूमी को लीज पर देने पर भी सरकार को जवाब पेश करने को कहा है। मामले की अगली सुनवाई अब 3 सप्ताह बाद ही होगी।
मामले के अनुसार हरीश रावत ने कांग्रेस सरकार में मुख्यमंत्री पद पर रहते हुये जिंदल सोसायटी को 356 नाली ज़मीन आवंटित कर दी थी। जिसके बाद अल्मोड़ा निवासी बिशन सिंह व पी सी तिवारी ने हाईकोट में याचिका दायर कर कहा था कि अल्मोड़ा के नैनीसार में 356 नाली भूमी गैर कानूनी रूप से बिना ग्रामीणों की सहमती और बिना कानूनी प्रक्रिया को अपनाए एक सरकार द्वारा निजी उद्योगपति की संस्था हिमान्शु एजूकेशन सोसाइटी को अंर्तराष्ट्रीय पब्लिक स्कूल खोले जाने के बहाने कौड़ी के भावपट्टे पर दे दी थी,जिसको निरस्त करा जाए, साथ ही याचिका कार्ताओ ने ये भी कहा था कि जिंदल सोसाईटी के द्वारा कई ग्रामीणों के साथ मारपीट भी की गई है और कई लोगों के खिलाफ फर्जी मुकदमे भी दर्ज कराए गए है।