वूमन्स डे स्पेशल : 105 साल की जीती जागती खेती की एनसाइक्लोपीडिया है पप्पम्माल प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी हो चुके है इनके आगे नतमस्तक

105 साल की अम्मा आर पप्पम्माल तमिलनाडु की रहने वाली हैं और वह इस उम्र में भी खेती कर रही हैं। असल में खेती ही उनकी पहचान है। खास बात यह है कि इस उम्र में आकर लोग खुद के सपनों को और खुद की चाहत को पीछे छोड़ देते हैं लेकिन अम्मा पप्पम्माल आज भी खेती करती हैं। वह भवानी नदी के किनारे एक गांव में अपना ऑर्गनिक फार्म चलाती हैं और सब्जियां तथा अनाज उगाती हैं।


पप्पम्माल का जन्म कोयंबटूर के देवलापुरम में हुआ था। तब वह बहुत छोटी थी जब उनके सिर से माता-पिता का साया उठ गया था। माता-पिता के गुजर जाने के बाद 2 बहनों के साथ वह दादी के पास रहने लगी। धीरे-धीरे वह परिवार की एक दुकान संभालने लगीं और फिर खाने-पीने की एक शॉप शुरू की। खेती और जैविक खेती की ओर पप्पम्माल का यही पहला कदम था। इसके बाद उन्होंने दुकान से की हुई कमाई से गांव में एक जमीन खरीदी उस समय उनकी उम्र 30 साल की थी।

पप्पम्माल का नाम आज न सिर्फ तमिलनाडु में बल्कि पूरे देश में फेमस हैं। वह ऑर्गेनिक खेती के लिए जानी जाती हैं।  पप्पाम्मल ने न सिर्फ अपनी बहनों की बल्कि उनके बच्चों की भी जिम्मेदारी संभाली।

पप्पम्माल के दिन की शुरूआत बाकी लोगों की तरह 9 या 10 बजे नहीं बल्कि वह तो 5 बजे ही उठ जाती हैं और 6 बजे वह आपको अपने खेत में काम करती मिलेंगी यही कारण है कि वह आज इतनी फिट है कि युवाओं को भी फिटनेस के मामले में पीछे छोड़ दें।  पप्पम्माल के पास गांव में 2.5 एकड़ खुद की जमीन है।  

पप्पम्माल 105 साल के इस उम्र के पड़ाव में भी जैविक खेती करती हैं और बहुत सारी फसले उगाती हैं। अम्मा पप्पम्माल तमिलनाडु कृषि विश्वविध्यालय के शिक्षा विभाग से भी जुड़ी हैं। साथ ही साथ वह सेमिनार और कॉन्फ्रेंसों में हिस्सा भी लेती हैं और जैविक खेती की तकनीक और फायदों के बारे में बताती हैं।उनका खुद का फॉर्म है और उन्हें खेती और ऑर्गेनिक फॉर्मिंग के लिए पद्मश्री से सम्मानित किया गया है। उनकी खेती की खास बात यह है कि वह बिना किसी रसायन का इस्तेमाल किए बिना ही खेती करती हैं। बहुत सारे यूनिवर्सिटी वाले भी अपने बच्चों को उनके पास इस तरह की खेती करने के लिए सीखने के लिए भेजते हैं।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी पप्पम्माल से तमिलनाडु के दौरे  पर मिल चुके है,पीएम मोदी ने अपने उस दौरे के वक्त ट्वीट भी  किया था, "आज कोयंबटूर में आर पप्पम्माल से मुलाकात की। उन्हें खेती के अद्भुत कार्य और ऑर्गेनिक खेती के लिए पद्मश्री अवार्ड मिला है"।