भाजपा की कथनी और करनी सवालों के घेरे में, पढ़िए पूरा मामला

मर्यादा, शिष्टाचार, सभ्यता का हुंकार और पाठ पढ़ाने वाली भाजपा अक्सर आम जनता के सामने किये हुए वादे और कार्यवाही को भूल जाती है। जिस मामले की बात हम कर रहे है उसको देखकर तो बीजेपी की कथनी और करनी जमीनी स्तर पर अलग अलग नज़र आती है। ऐसा ही एक मामला राजनैतिक हब बन चुके उधम सिंह नगर जिला मुख्यालय रुद्रपुर से सामने आया है। जहां महिला द्वारा शोषण और उत्पीड़न का आरोप लगने के बाद जेल जा चुके युवा भाजपा नेता सुरेश विश्वास बीजेपी से निष्काषित होने के बाद भी महानगर में भाजपा बड़े नेताओं के साथ देखा जा रहा है। जो इन दिनों चर्चा का विषय बना हुआ है। आपको बता दें, महानगर रुद्रपुर में भाजपा युवा मोर्चा के पदाधिकारी सुरेश विश्वास पर उन्ही के वार्ड में रहने वाली एक महिला ने राजनीति की आड़ में शारीरिक व मानसिक उत्पीड़न करने का आरोप लगाया था। इतना ही नही महिला ने सुरेश विश्वास पर कई और महिलाओं के साथ नाजायज़ सम्बंध होने के आरोप भी लगाये थे। महिला द्वारा लगाए गए आरोपों के बाद जहा पुलिस ने जांच कर सुरेश को जेल भेजा था तो वही दूसरी और भाजपा ने भी महिला द्वारा लगाए गए आरोप के बाद पार्टी स्तर पर कमेटी बनाकर आरोपों की जांच कर सुरेश विश्वास को पार्टी से निष्कासित कर दिया था ।
लेकिन एक बार फिर जमानत पर जेल से बाहर आये सुरेश विश्वास को भाजपा के बड़े कार्यकर्ताओं के साथ खूब तस्वीरें देखी जा रही है। जो भाजपा के कथनी और करनी में बहुत बड़ा अंतर साबित करती है।
आये आपको भी दिखते है कुछ तस्वीरे
तस्वीरों में साफ़ है कि भाजपा के बड़े और शीर्ष नेता अपने कार्यक्रमों में सुरेश विश्वास को शामिल कर रहे हैं। इतना ही नहीं भाजपा जिलाध्यक्ष शिव अरोरा के साथ और खुद सुरेश विश्वास ने भाजपा के बड़े नेताओं के सानिध्य में होने की बात कही है। ऐसे में महानगर क्षेत्र में भाजपा की कार्यप्रणाली पर खूब किरकिरी हो रही है। जिससे भाजपा के दामन पर एक बार फिर दाग लगे है। उधर मामले में भाजपा के जिलाध्यक्ष शिव अरोरा से इस सम्बन्ध पर बात करने पर उन्होंने बताया कि सुरेश विश्वास पर आरोप लगने के बाद उसे पार्टी से निष्कासित कर दिया गया था। सुरेश विश्वास को भाजपा पार्टी द्वारा किसी भी कार्यक्रम में नहीं बुलाया जाता है। क्षेत्र के किसी भी कार्यक्रम में उसका शामिल होना वहां की जनता पर निर्भर होता है। हां व्यक्तिगत कोई भी मुझसे मिलता है तो इसमें पार्टी का कोई भी हस्तक्षेप नहीं होता है। मेरे ऑफिस में कई विपक्षी नेता भी आते है जिनका मैं स्वागत करता हूँ, जो की व्यक्तिगत है।
फिलहाल, जिलाध्यक्ष शिव अरोरा ने बड़े ही सफाई इस मामले से अपना पल्ला झाड़ लिया। लेकिन तसवीरें बहुत कुछ बयां करती है। तस्वीरों में जिलाध्यक्ष के साथ पूर्व दर्जा मंत्री उत्तम दत्ता, मेयर रामपाल, जिला महामंत्री विवेक सक्सेना को भी देखा जा रहा है। जो भाजपा के कथनी और करनी में बड़ा अंतर साबित करती है।