जागो महिलाओं: आत्मरक्षा के वो अधिकार जो भारतीय संविधान आपको देता है सेल्फ डिफेंस में किसी की हत्या करने पर भी नही होगी आपको सजा जानिए इस अधिकार के बारे में एक क्लिक से

भारत मे बलात्कार जैसी घटनाएं कम होने की जगह और ज़्यादा बढ़ गयी है कुंठित मानसिकता और दरिंदगी भरे दिमाग वाले बलात्कारी सिर्फ बलात्कार ही नही करते बल्कि अब सारी हदें पार कर विक्टिम के साथ जानवरो से भी ज़्यादा बदतर बर्ताव करने लगे हैं।हाल ही में हाथरस में हुए विभत्स कांड में पीड़िता की मौत हो गयी जिसके बाद देश मे एक बार फिर लोगों में गुस्सा फूट पड़ा और निर्भया कांड की ही तरह इस कांड के बाद भी लोगो ने जगह जगह मार्च निकाल कर प्रदर्शन करना शुरू कर दिया।हाथरस कांड में यूपी सरकार ने सीबीआई जांच के आदेश भी दे दिए है ।बलात्कार जैसी घटनाएं तो रुक नही रही है और न बलात्कारियों को तुरंत सजा ही मिल रही है ऐसे में आज हम आपको इंडियन पैनल कोड यानी आईपीसी की कुछ धाराएं बता रहें हैं जिसमे हर व्यक्ति को आत्मरक्षा का अधिकार दिया गया है।
इंडियन पैनल कोड सेक्शन 100 सेल्फ डिफेंस ये बारे में प्रत्येक महिला को जानना आजकल बेहद ज़रूरी है ये वो अधिकार है जो जिसमे आप अपनी आत्मरक्षा में अगर किसी की हत्या भी कर देते हैं तो उसमे आपको कोई सजा नही होगी इसके लिए आपको ये साबित करना होगा कि आपने वो हत्या सेल्फ डिफेंस यानी आत्मरक्षा में की है।कई महिलाओं को ये जानकारी ही नही होगी कि वो अपनी इज़्ज़त बचाने के लिए बिना चोटिल हुए भी अगर किसी की पिटाई या हत्या कर देती हैं तो ये आत्मरक्षा के दायरे में आएगा ऐसे नाजुक वक्त में महिलाएं हथियार का प्रयोग भी कर सकती हैं।कानून से मिले आत्मरक्षा के अधिकार को ना जानने की वजह से भी जघन्य अपराध होते हैं क्योंकि महिलाओं को भी कानून का डर लगा रहता है लेकिन अगर महिलाएं आत्मरक्षा के लिए साहसी हो जाये तो काफी हद तक बलात्कार पर अंकुश लग सकता है।
अपनी सुरक्षा और अपनी संपत्ति की सुरक्षा करना प्रत्येक व्यक्ति का हक है इसीलिए आईपीसी में 96 से लेकर 106 धाराओं तक आत्मरक्षा का ज़िक्र किया गया है,उसके तहत आप अपनी सुरक्षा, अपने परिवार की सुरक्षा, करीबियों की सुरक्षा, संपत्ति की सुरक्षा कर सकते हैं,आत्मरक्षा में अगर आपसे किसी की हत्या हो जाये तो राइट टू डिफेंस के तहत आपको सजा नही होगी,लेकिन याद रहे गाली गलौज राइट टू डिफेंस के दायरे में नही आती है यानी अगर कोई आपसे केवल ज़ुबानी तौर पर धमकी दे रहा हो गालियां दी रहा हो तो इसके लिए सेल्फ डिफेंस की धाराएं नही लागू होंगी।आत्मरक्षा का अधिकार सिर्फ फिजिकल हमले के खिलाफ ही मान्य है,आत्मरक्षा का अधिकार भारतीय संविधान में अनुच्छेद 21 में मिले जीवन के अधिकार के तहत आता है।ये अधिकार केवल कानूनी ही नही बल्कि हर व्यक्ति का मौलिक अधिकार है।
आत्मरक्षा के अधिकार के तहत मान लीजिये कोई किसी व्यक्ति पर डंडे से हमला करता है तो उस पर गोली नही चलाई जा सकती ।अगर किसी महिला को लगता है कि उसके साथ रेप किया जा सकता है या कोई हमला हो सकता है तो वो अपनी सुरक्षा के लिए जवाबी कार्यवाई कर सकती है ये महिला का आत्मरक्षा का अधिकार होगा।इसीलिए इन धाराओं को जानना हर महिला के लिए आवश्यक है ताकि आप सुरक्षित रहें डरे नही क्योंकि कानून आपको आपकी रक्षा का अधिकार देता है।