वर्ल्ड फोटोग्राफी डे:एक अच्छे फोटोग्राफर की एक अच्छी फ़ोटो खींचने की चाह कभी पूर्ण नही होती!पद्मश्री अवार्ड से सम्मानित नैनीताल के अनूप साह से लेकर अमित साह,राजीव काला, सुखमय,अदिति खुर्राना,हिमांशु, रत्ना, सुमित,विनीता तक नैनीताल के उभरते हुए हर फोटोग्राफर की तस्वीर कुछ कहती है!

World Photography Day: The desire of a good photographer to take a good photo is never fulfilled! From Anoop Sah of Nainital, awarded with Padma Shri award, Amit Sah, Rajiv Kala, Sukhmay, Aditi Khurr

ये दुनिया हर पल हर क्षण एक नया चित्र सँजोती है।चित्रों/तस्वीरों की कोई भाषा नही होती लेकिन एक तस्वीर पर आप हज़ार से ज़्यादा शब्द लिख सकते है,इसके बाद तस्वीर क्या कहती है ये हर व्यक्ति के लिए अलग अलग सोच को दर्शाती है। एक तस्वीर को न जाने कितनी भाषाओं में व्यक्त किया जा सकता है यहाँ तक जो बोल नही सकते वो भी एक तस्वीर पर अनगिनत ख्याल बना सकते है।

"फोटोग्राफी बहुत आसान भी है,
फोटोग्राफी बड़ा कठिन भी है,
अच्छे फोटोग्राफर की फोटो
बोलती है, आपसे बातें करती है"
कहते है "एक अच्छे फोटोग्राफर की
एक अच्छी फोटो खींचने की
अभिलाषा कभी पूर्ण नहीं होती है"।
आज पूरी दुनिया विश्व फोटोग्राफी दिवस मना रही है ये दिन कितना महत्वपूर्ण है केवल कैमरे से खेलने वाले ही जान सकते है।लेकिन विश्व फोटोग्राफी दिवस सिर्फ उन्हीं लोगों को याद करने के लिए नहीं मनाया जाता है, जिन्होंने फोटोग्राफी के क्षेत्र में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है, बल्कि यह फोटोग्राफी के क्षेत्र में लोगों को आने के लिए प्रोत्साहित भी करता है और अपना कौशल दिखाने के लिए प्रेरित करता है।ये दिन वैसे खास उन लोगो को समर्पित है जिन्होंने कुछ खास पलो को कैमरे में कैद किया और हमेशा के लिए यादगार बना दिया।


आइये अब फोटोग्राफी का इतिहास भी जान लेते है।विश्व फोटोग्राफी दिवस 9 जनवरी 1839 को फ्रांस में हुई थी उस समय एक फोटोग्राफी प्रक्रिया का एलान किया गया था,जिसे डॉगोरोटाइप प्रक्रिया कहा जाता था।फ्रांस के जोसेफ नाइस्फोर और लुईस डॉगर ने इसका अविष्कार किया था।इसके बाद 19 अगस्त 1839 को फ्रांस की सरकार ने इस अविष्कार की घोषणा की थी और उस दिन उसका पेटेंट हासिल किया था इसीलिए हर साल 19 अगस्त को विश्व फोटोग्राफी दिवस/वर्ल्ड फोटोग्राफी डे मनाया जाता है।


एक जमाना हुआ करता था जब लोग फोटो खिचवाते थे तो वह दिन एक त्यौहार सा होता था,लोग नये कपड़े पहनकर तैयार होते थे,फिर गाँव से शहर जाते थे और फोटो खिंचवाते थे, उस समय के लोगो की सादगी फोटो में भी दिखाई देती थी, स्टूडियो होता था शहरों में जिनमे लाइट्स लगी होती थी,जिनके ऊपर छाता लगी होती थी,बैठने के लिए सुंदर से सोफे जैसी कुर्सी होती थी,दीवारों पर सुंदर चित्रकला होती थी,और वहां जाकर लोग अपने परिवार के साथ फोटो खिंचवाते थे।लेकिन वर्तमान समय में हर स्मार्टफोन धारी फोटोग्राफी कर रहा है,सेल्फियों की तो बाढ़ आ गयी है।रेस्टोरेंट में जाओ तो सेल्फियां,कही घूमने जाओ तो सेल्फियां।कोई मौका नही छूटना चाहिए । आज के दौर में फोटोग्रॉफी का प्रचलन इस कदर तेजी बढ़ा है कि सोशल साइट्स पर आपको तमाम अवॉर्ड विनिंग तस्वीरें देखने को मिल जाएंगी। ऐसे तमाम फोटोग्राफर है जिनके बारे में अगर लिखा जाए तो कब रात हो कब सुबह पता ही न चले।


उत्तराखंड के प्रसिद्ध फोटोग्राफर अनूप साह को कौन नही जानता। भारत सरकार ने अनूप साह पद्मश्री अवार्ड से सम्मानित किया। प्रतिष्ठित पद्मश्री सम्मान के लिए चयनित जाने माने फोटोग्राफर अनूप साह का पूरा जीवन फोटोग्राफी, पर्वतारोहण, पर्यावरण संरक्षण को समर्पित रहा। उनके 3500 से ज्यादा फोटोग्राफ राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शनियों में चयनित हुए। करीब 350 फोटो पुरस्कृत हुए। साह छह दुर्गम चोटियों पर सफल आरोहण कर चुके हैं। वह कई ट्रैकिंग अभियानों में शामिल रह चुके हैं। 1970 में 6611 मीटर ऊंची दुर्गम अविजित चोटी नंदाखाट को सर्वप्रथम अनूप ने ही फतह किया था। उत्तराखंड हिमालय, यहां की वनस्पतियों, जैव विविधता के सही अर्थ में इनसाइक्लोपीडिया हैं।

इन दिनों फोटोग्राफी का भी अलग लेवल देखने को मिल रहा है।बड़े बड़े फोटोग्राफर हो या नए फोटोग्राफर प्रकृति के जादू को अपने कैमरे में ऐसे कैद करते है जैसे मानो प्रकृति की वो सब चीजें कैमरे के साथ सामंजस्य खुद ही बैठा रही हों। 
नैनीताल में भी इसी तरह के कई फोटोग्राफर है जो कमाल की फोटोग्राफी करते है। 


अमित साह, जो कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बना चुके है।उनकी तस्वीरों को संयुक्त राष्ट्र की संस्था FAO की वार्षिक रिपोर्ट के कवर पेज पर जगह मिल चुकी है,उन्हें कई अवार्ड्स मिल चुके है।

राजीव काला की फोटोग्राफी के चर्चे उत्तराखंड में हर जगह है,नंदा राजजात यात्रा हो या कैलाश मानसरोवर यात्रा हर जगह राजीव काला अपने कैमरे से जादू बिखरने पहुंच जाते है,उनकी फोटोग्राफी को बैंक के कैलेंडरो में अक्सर आप देख सकते है। 


इसी तरह हिमांशु जोशी जो लैंडस्केप से लेकर आकाश गंगा तक कि फोटोग्राफी के लिए नैनीताल में खासे प्रसिद्ध है। पिछले दिनों उनकी खींची ये फ़ोटो कई अखबारों में सुर्खियां बटोर चुकी है।


 सुखमय मजूमदार हाईकोर्ट में कार्यरत है उनकी फोटोग्राफी भी नैनीताल में खूब सराही जाती है।

जिस वक्त नैनीताल के डीएम आईएस दीपक रावत थे सुखमय ने उनकी शानदार फ़ोटो क्लिक की थी तो आजतक वर्तमान कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत की डीपी बनी हुई है। 

 

अदिति खुर्राना एक थियेटर आर्टिस्ट के साथ साथ बेहतरीन फोटोग्राफर भी है। प्रकृति के शानदार दृश्यों की अपने कैमरे में कैद करना उन्हें बखूबी आता है। उनकी क्लिक की हुई फोटोज को कई बार इनाम भी मिल चुका है।

 


 नैनीताल के सुमित साह एक स्पोर्ट्स पर्सन है,और नैनीताल बचाओ अभियान में सक्रिय रहते है। सुमित को फोटोग्राफी का शौक स्कूली दिनों से रहा है। उनकी फोटोग्राफी में ज़्यादातर स्पोर्ट्स और नैनीताल के प्राकृतिक दृश्य ज़्यादा दिखाई देते है। मैराथन दौड़ हो या नैनीताल का सन सेट उनकी क्लिक की हुई फोटोज इंटरनेट सनसनी बन जाती है।


 नैनीताल की रत्ना साह की फोटोज भी लोग खूब शेयर करते है रत्ना भी प्राकृतिक सौंदर्य को कैमरे में कैद करना पसंद करती है। फूलों की लगभग हर प्रजाति उन्होंने अपने कैमरे में कैद किये है। इसके अलावा रत्ना नैनीझील में आसमान के रिफ्लेक्शन को बखूबी क्लिक करती है।


विनीता वर्मा को फूलों से खासा लगाव है,उनकी फोटोग्राफी में पहाड़ सुंदर पेड़ पौधे वैसे ही नज़र आते गया जैसे आप अपनी आंखों से उन्हें देखते है कोई फिल्टर नही कोई एडिटिंग नही। विनीता फूलों के अलावा नैनीताल के सुंदर दृश्यों को भी क्लिक करना पसंद करती है,इनकी फोटोग्राफी को भी कई इनाम मिल चुके है।इस वर्ष हर घर तिरंगा अभियान पर उन्होंने तिरंगे की अलग अलग फोटोज क्लिक की जो लोगो को खूब पसंद आई।

 

 

नैनीताल के  युवा पत्रकार संदीप कुमार की फ़ोटो भी खासी पसन्द की जाती है। वाइल्ड लाइफ के प्रति उनका जुनून देखते ही बनता है। कई बार लोग ये भी कहते है कि उन्हें  फोटोग्राफी को ही  अपना प्रोफेशन बना लेना चाहिए।

 

उदित साह शौकिया तौर पर फोटोग्राफी करते है। कम उम्र में कैमरे के प्रति इतना लगाव कम ही देखने को मिलता है। उदित नैनीताल के उभरते हुए फोटोग्राफर के रूप में अपनी पहचान बना रहे है। उनकी  क्लिक की हुई फोटोज भी खूब शेयर की जा रही है। खासकर नैनीताल के फेसबुक ग्रुप्स में