विंटर कार्निवाल विवादः सभासदों, ईओ और नगर के प्रथम नागरिक की अनदेखी! पालिकाध्यक्ष ने लगाए पक्षपात के आरोप, वीवीआईपी सीट पर बीजेपी के लोग, इतना डर था तो आयोजन क्यों?

Winter Carnival controversy: Councilors, the CEO, and the city's first citizen ignored! The Municipal Chairman alleges bias, BJP members occupy VIP seats. If there was so much fear, why organize the

नैनीताल। विंटर कार्निवाल के दौरान कांग्रेस से जुड़ी नगर पालिका अध्यक्ष डॉ. सरस्वती खेतवाल ने आयोजन को लेकर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि इस बार के विंटर कार्निवाल में न केवल सभासदों की अनदेखी की गई, बल्कि नगर पालिका अध्यक्ष और अधिशासी अधिकारी (ईओ) को भी दरकिनार किया गया। पालिकाध्यक्ष ने कहा कि यह आयोजन कोई नया नहीं है। पूर्व में इसे शरदोत्सव के रूप में खुले आसमान के नीचे आयोजित किया जाता था, जहां केवल पहली पंक्ति वीआईपी के लिए होती थी और बाकी स्थान आम जनता के लिए खुले रहते थे। लेकिन इस बार कार्यक्रम को बंद परिसर में आयोजित किया गया और आम लोगों को प्रवेश नहीं दिया गया।

उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा, अगर यह आयोजन जनता के लिए था, तो फिर जनता को अंदर क्यों नहीं जाने दिया गया? जनता परेशान थी, मैंने खुद देखा। मैं किस-किस को अंदर बैठाती? मेरे साथ गए लोगों तक को रोक दिया गया। डॉ. खेतवाल ने यह भी आरोप लगाया कि कार्यक्रम में वीवीआईपी पास बनाए गए थे, लेकिन उनका कोई स्पष्ट उपयोग नजर नहीं आया। उन्होंने सवाल किया कि वीवीआईपी सीटों पर कौन बैठे थे और वे किसके लोग थे। उनका आरोप है कि वहां मौजूद अधिकतर लोग भाजपा से जुड़े थे।

उन्होंने आगे आरोप लगाया कि सलमान जाफरी नामक एक व्यक्ति कथित तौर पर “मैडम के कहने पर” 10-10, 15-15 लोगों को अंदर प्रवेश दिला रहा था। वहीं, उनके साथ गई एक महिला की बच्ची को अंदर लाने से साफ इनकार कर दिया गया। पालिकाध्यक्ष ने यह भी कहा कि वह मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के स्वागत के लिए गई थीं, लेकिन उन्हें स्वागत करने की अनुमति तक नहीं दी गई। उन्होंने आरोप लगाया कि स्वागत सूची में चेयरमैन का नाम तक शामिल नहीं था। उनके साथ गए चार लोगों को भी प्रवेश नहीं मिल पाया।

डॉ. खेतवाल ने सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए कहा, “अगर इतना ही डर था तो कार्यक्रम आयोजित क्यों किया गया? विदेशों में राष्ट्रपति तक साइकिल से चलते हैं, लेकिन यहां नगर पालिका के किसी भी सदस्य, अध्यक्ष या ईओ को आमंत्रित नहीं किया गया।”

कार्यक्रम के दौरान भावुक हुईं पालिकाध्यक्ष
गौरतलब है कि बीते दिन विंटर कार्निवाल के दौरान डॉ. सरस्वती खेतवाल मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के समक्ष भावुक हो गईं। उनकी आंखों से आंसू छलक पड़े। उन्होंने मंच से नगर के प्रथम नागरिक का नाम न लिए जाने और सभासदों से कथित दुर्व्यवहार पर कड़ी आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि यह मंच संस्कृति और पर्यटन विकास के लिए होना चाहिए, न कि राजनीति के लिए। इस दौरान उद्घोषक ने उन्हें संबोधन के लिए आमंत्रित किया, लेकिन उन्होंने मंच पर जाना स्वीकार नहीं किया। इसके बाद विधायक सरिता आर्या ने सभा को संबोधित किया। पालिकाध्यक्ष ने आरोप लगाया कि बीते तीन दिनों से उनके साथ लगातार भेदभाव किया जा रहा है। इसके बाद वह मंच से उतरकर कार्यक्रम छोड़कर जाने लगीं, हालांकि कुछ लोगों के समझाने पर वह कार्यक्रम स्थल पर लौटीं, लेकिन मंच पर नहीं गईं।