जिंदा थे तो बेटे ने पूछा तक नहीं!मौत के बाद पिता को देखने आए बेटे को छूने नहीं दिया गया!पुलिस ने मृतक को दिया गार्ड ऑफ ऑनर,क्या है ये पूरा मामला? लिंक में पढ़ें पिता पुत्र प्रशासन की रियल लाइफ स्टोरी
ग्वालियर के माधव बाल निकेतन और वृद्धाश्रम में रहने वाले 88 वर्षीय कुंवर राज बिज्जन का शुक्रवार की सुबह निधन हो गया। पिछले पांच सालों से वे अपनी जीवनसंगिनी के साथ आश्रम के कमरा नंबर 2 में रह रहे थे, क्योंकि उनके परिवार ने उन्हें अपनाने से इनकार कर दिया था।
कुंवर राज ने अपने जीवनकाल में एक प्रेरणादायी निर्णय लिया था कि उनकी मृत्यु के बाद उनका शरीर परिवार को नहीं सौंपा जाए, बल्कि चिकित्सा शिक्षा के लिए मेडिकल कॉलेज को दान कर दिया जाए। उनकी इस अंतिम इच्छा का सम्मान करते हुए, उनके निधन के बाद पुलिस ने उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर प्रदान किया और जिला प्रशासन की उपस्थिति में आश्रम परिसर में लोगों को उनके अंतिम दर्शन का अवसर दिया गया।
इस दौरान उनका बेटा राजू बिज्जन भी वहां पहुंचा, लेकिन आश्रम प्रबंधन ने कुंवर राज की अंतिम इच्छा का पालन करते हुए उनके शरीर को परिवार को सौंपने से मना कर दिया। राजू ने बताया कि पारिवारिक विवादों के कारण उनसे दूरी बन गई थी, और उसे अपने पिता के देहदान के फैसले की जानकारी नहीं थी।
सभी जरूरी कानूनी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद, उनका शरीर गजराराजा मेडिकल कॉलेज को सौंप दिया गया, जहां इसका उपयोग चिकित्सा अनुसंधान और छात्रों की शिक्षा के लिए किया जाएगा। यह घटना न केवल देहदान के प्रति लोगों को प्रेरित करती है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि जीवन में सम्मान और अपनों का साथ कितना महत्वपूर्ण है।