उत्तराखण्डः नन्हीं परी को न्याय दिलाने सुप्रीम कोर्ट पहुंची सरकार! पुनर्विचार याचिका दाखिल, सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता करेंगे पैरवी

पिथौरागढ़। ‘नन्हीं परी’ गैंगरेप मर्डर मामले में उत्तराखण्ड सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल कर दी है। बता दें कि पिछले दिनों मुख्य आरोपी अख्तर अली को सुप्रीम कोर्ट द्वारा बरी किये जाने के बाद लोगों में खासा आक्रोश देखने को मिला था। प्रदेशभर के लोग नन्हीं परी को न्याय दिलाने की मांग को लेकर सड़कों पर उतरे थे। अब उत्तराखण्ड सरकार ने पुनर्विचार याचिका दाखिल की है। इस याचिका का प्रारूपण एसपी सिटी हल्द्वानी प्रकाश चंद्र आर्या द्वारा सुप्रीम कोर्ट में दाखिल किया गया है। वहीं मामले की पैरवी के लिए उत्तराखंड सरकार ने भारत के सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता को जिम्मेदारी सौंपी है, ताकि सर्वोच्च स्तर पर ‘नन्हीं परी’ को न्याय मिल सके। परिजनों ने भी सॉलिसिटर जनरल से भेंटकर उत्तराखंड सरकार के इस कदम पर संतोष व्यक्त किया है और उन्हें विश्वास है कि ‘नन्हीं परी’ को न्याय मिलेगा। उन्होंने सरकार द्वारा उठाए गए इस त्वरित और ठोस कदम के लिए आभार व्यक्त किया है। राज्य सरकार ने भी परिजनों को आश्वस्त किया है कि न्याय की इस लड़ाई में वे अकेले नहीं हैं, बल्कि पूरा उत्तराखंड और देश उनके साथ खड़ा है। प्रशासनिक और कानूनी स्तर पर हर संभव कदम उठाए जाएंगे, ताकि अपराधियों को कठोर दंड मिल सके। बता दें कि पिथौरागढ़ की 7 वर्षीय मासूम ‘नन्हीं परी’ नवंबर 2014 में अपने परिवार के साथ काठगोदाम एक रिश्तेदार के यहां शादी में आई थी। जहां वह अचानक लापता हो गई। लापता होने के बाद पांच दिन बाद बच्ची का शव गौला नदी के किनारे लगभग 500 मीटर दूर जंगलों में मिला था। जांच में बच्ची के साथ दुष्कर्म और निर्मम हत्या की बात सामने आई थी। इस जघन्य घटना के बाद पूरे क्षेत्र में भारी आक्रोश पैदा कर दिया था। जगह-जगह धरना प्रदर्शन भी हुए थे।