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उत्तराखंड की समृद्ध एपन कला का ऐसा अपमान? अल्मोड़ा के एक होटल में टॉयलेट टाइल्स पर एपन कला प्रिंट करवा कर लगाई गई! देखकर भड़के लोग

What an insult to Uttarakhand's rich Aipan art? A hotel in Almora has Aipan art printed on toilet tiles! People are enraged.

उत्तराखंड की प्राचीन और समृद्ध सांस्कृतिक विरासत की एक अनमोल निधि है यहां की एपन कला। यह कला उत्तराखंड की लोक संस्कृति का अभिन्न अंग है, जो सदियों से पीढ़ी-दर-पीढ़ी हस्तांतरित होती आ रही है। एपन, जिसे 'अल्पना' या 'आरिपन' भी कहा जाता है, मुख्य रूप से महिलाओं द्वारा घरों के आंगन, दीवारों, दरवाजों और पूजा स्थलों पर बनाई जाने वाली एक पारंपरिक चित्रकला है। यह कला न केवल सौंदर्य का प्रतीक है, बल्कि धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व से भी ओत-प्रोत है। देवी-देवताओं के आह्वाहन के लिए खास तौर पर इस कला को विशेष अवसरों जैसे दीवाली, नवरात्रि, विवाह, जन्मोत्सव और अन्य धार्मिक उत्सवों पर बनाया जाता है। यह कला देवी-देवताओं का आह्वान करने, घर में सुख-समृद्धि लाने और बुरी शक्तियों को दूर भगाने के लिए की जाती है। एपन उत्तराखंड की पहचान है, जो राज्य की लोक कथाओं, गीतों और नृत्यों से जुड़ी हुई है। यह यूनेस्को की अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर की सूची में शामिल होने की दावेदार भी है, क्योंकि यह महिलाओं की रचनात्मकता, धार्मिक श्रद्धा और सामुदायिक एकता का प्रतीक है।

लेकिन अफसोस की बात है कि इसी पवित्र और समृद्ध एपन कला का अपमान अब अल्मोड़ा जिले में किया जा रहा है। सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें अल्मोड़ा के एक प्रमुख होटल के बाथरूम में एपन कला की टाइल्स लगाई गई दिख रही हैं। हैरानी की बात यह है कि ये टाइल्स न केवल फर्श पर हैं, बल्कि टॉयलेट सीट के ठीक आसपास और दीवारों पर भी इस्तेमाल की गई हैं। वीडियो में साफ तौर पर देखा जा सकता है कि धार्मिक प्रतीकों वाली ये टाइल्स ऐसी जगह पर लगी हैं, जहां लोग दैनिक अपशिष्ट कार्य करते हैं। यह दृश्य देखकर किसी भी उत्तराखंडवासी या संस्कृति प्रेमी नाराज़ हो रहे हैं। वीडियो वायरल होने के बाद लोगों में भारी रोष व्याप्त है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर हजारों यूजर्स ने होटल मालिक की निंदा की है और इसे धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाला कृत्य बताया है। कई लोगों ने लिखा है कि एपन कला पूजा-पाठ और पवित्रता का प्रतीक है, इसे टॉयलेट जैसी अशुद्ध जगह पर लगाना घोर अनादर है। स्थानीय निवासियों, संस्कृति संरक्षकों और धार्मिक संगठनों ने होटल के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की मांग की है। यूजर्स का कहना है कि यह न केवल एपन कला का अपमान है, बल्कि पूरे उत्तराखंड की सांस्कृतिक विरासत पर हमला है। कुछ यूजर्स ने होटल का बॉयकॉट करने की अपील की है, जबकि अन्य ने जिला प्रशासन और पुलिस से तुरंत जांच कर टाइल्स हटाने और होटल पर जुर्माना लगाने की मांग की है।

यह घटना उत्तराखंड की लोक कला को व्यावसायिक लाभ के लिए दुरुपयोग करने का एक उदाहरण है। होटल मालिक शायद पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए एपन डिजाइन का इस्तेमाल करना चाहते थे, लेकिन उन्होंने इसके धार्मिक महत्व को नजरअंदाज कर दिया। जबकि यह कला न केवल कैनवास पर है, बल्कि हर उत्तराखंडी के दिल में बसी है।