वक्फ संशोधन बिलः लोकसभा में जबरदस्त हंगामा! केन्द्रीय मंत्री किरेन रिजिजू बोले- नहीं लाते तो इस संसद पर भी दावा ठोक देते

नई दिल्ली। विपक्ष के जबरदस्त हंगामे के बीच आज बुधवार 2 अप्रैल 2025 को केन्द्रीय अल्पसंख्यक मंत्री किरेन रिजिजू ने लोकसभा में वक्फ संशोधन बिल पेश कर दिया है। इस दौरान किरेन रिजिजू ने कहा कि लोकसभा और राज्यसभा की संयुक्त समिति ने वक्फ संशोधन बिल पर विस्तृत चर्चा की है। इससे पहले इतनी लंबी चर्चा कभी नहीं हुई। रिजिजू ने कहा कि अगर वक्फ संशोधन बिल को यहां पेश नहीं किया जाता तो संसद भवन को भी वक्फ की संपत्ति घोषित कर दी जाती। इस बीच केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि कैबिनेट से बिल पास होने के बाद ही इसे सदन में लाया गया है। उन्होंने कहा कि बिल पेश होने से पहले ज्वाइंट पार्लियामेंट्री कमेटी में भेजा गया जहां सबकी राय ली गई है। अमित शाह ने कहा कि हम कांग्रेस की तरह कमेटियां नहीं बनाते, हमारी कमेटी लोकतांत्रिक तरीके से काम करती हैं। केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने वक्फ संशोधन बिल 2025 पर सरकार के विचार रखते हुए कहा कि वे जेपीसी के सभी सदस्यों को धन्यवाद देते हैं। 284 प्रतिनिधिमंडल ने जेपीसी को अपने सुझाव दिए।
25 राज्यों के वक्फ बोर्डों ने अपनी दलीलें दीं। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि स्वतंत्र भारत का वक्फ अधिनियम पहली बार 1954 में बना था। उसी अधिनियम में राज्य वक्फ बोर्डों के लिए प्रावधान किए गए थे। 1995 में विस्तृत वक्फ अधिनियम लाया गया। उस समय किसी ने नहीं कहा कि यह अधिनियम असंवैधानिक, गैरकानूनी है। आज जब हम उसी विधेयक में संशोधन करने की कोशिश कर रहे हैं तो आपको यह असंवैधानिक और गैरकानूनी लग रहा है. आप (विपक्ष) लोगों को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं। विपक्ष की ओर से जोरदार हंगामे के बीच केंद्रीय मंत्री ने कहा कि वक्फ पर विवाद 2013 के कानून से शुरू हुआ। इस कानून की वजह से हिन्दू, जैन और सिख को भी वक्फ बनाने का अधिकार मिल गया। लेकिन इसके बाद अनुच्छेद-108 लाया गया, इस वजह से वक्फ को दूसरे कानूनों को ओवरराइड करने का अधिकार मिल गया। रिजिजू ने कहा कि यूपीए सरकार द्वारा वक्फ कानून में किए गए बदलावों ने इसे अन्य कानूनों पर अधिभावी प्रभाव (overriding effect) दिया, इसलिए नए संशोधनों की आवश्यकता थी।