उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ का इस्तीफा! एक ही सवाल- संसद में ऐसा क्या हुआ? जिसने लिख दी इस्तीफे की स्क्रिप्ट

नई दिल्ली। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के इस्तीफे के बाद जहां देश में सियासत गरमाई हुई है, वहीं हर किसी के मन एक ही सवाल उठ रहा है कि इस्तीफे की असल वजह क्या है? हांलाकि जगदीप धनखड़़ ने स्वास्थ्य का हवाला दिया है, लेकिन उनके इस्तीफे को लेकर अब तरह-तरह की बातें सामने आ रही हैं। खबरों की मानें तो सरकार को राज्य सभा में जस्टिस वर्मा के खिलाफ प्रस्ताव की कोई जानकारी नहीं थी। दरअसल सोमवार को जब सभापति जगदीप धनखड़ ने सदन में घोषणा की कि उन्हें जस्टिस वर्मा के खिलाफ प्रस्ताव मिला है तो सरकार हैरान रह गई। उपराष्ट्रपति धनखड़ ने इसके बारे में सरकार को जानकारी नहीं दी थी। सरकार के आला सूत्रों के अनुसार अगर सरकार को जानकारी दी गई होती तो सत्ता पक्ष के सांसद भी प्रस्ताव पर हस्ताक्षर करते। यहीं सरकार के लिए बड़ी विचित्र स्थिति पैदा हो गई।
वहीं जगदीप धनखड़ ने चेयर से ऐलान कर दिया और तकनीकी तौर पर जस्टिस वर्मा को हटाने का प्रस्ताव राज्य सभा में आ गया, जबकि सरकार ने लोकसभा में इसे रखने की रणनीति बनाई थी और इसके लिए विपक्ष को भी भरोसे में लिया गया था। लोकसभा में लाए गए प्रस्ताव पर विपक्षी सांसदों के भी हस्ताक्षर लिए गए थे। खबरों के मुताबिक शाम 4 बजकर 7 मिनट पर सभापति जगदीप धनखड़ ने जस्टिस वर्मा के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव पर 63 विपक्षी सांसदों के नोटिस मिलने की जानकारी दी। उन्होंने इससे जुड़े नियमों का हवाला दिया और यह भी पूछा कि क्या लोकसभा में भी यही प्रस्ताव लाया गया है? कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने जवाब दिया कि लोकसभा अध्यक्ष को विपक्ष और बीजेपी सांसदों से नोटिस मिल गए हैं। सूत्रों के अनुसार इसके बाद राजनाथ सिंह के कार्यालय में बीजेपी के राज्यसभा सांसदों की बैठक हुई। बताया जाता है कि सरकार को इस महाभियोग प्रस्ताव की जानकारी नहीं थी। यह सरकार को असहज करने वाला था। शायद इसी वजह से जेपी नड्डा और किरेन रिजिजू बीएसी बैठक में नहीं पहुंचे और उसी के बाद धनखड़ ने इस्तीफा दे दिया।