उत्तराखण्डः सूखाताल झील के सौंदर्यीकरण का मामला! जिलास्तरीय विकास प्राधिकरण ने पेश की प्रगति रिपोर्ट, संतुष्ट नहीं हुआ हाईकोर्ट
नैनीताल। उत्तराखंड हाईकोर्ट ने सूखाताल झील के सौन्दर्यीकरण के मामले में स्वतः संज्ञान लिए जाने वाली जनहित याचिका पर सुनवाई की। पूर्व के आदेश पर आज जिलास्तरीय विकास प्राधिकरण ने कोर्ट में प्रगति रिपोर्ट पेश की। लेकिन कोर्ट उस रिपोर्ट से संतुष्ट नही हुई। सुनवाई के बाद कोर्ट ने सम्बन्धित अधिकारियों से 3 दिसम्बर को कोर्ट में फिर से पेश होने के आदेश दिए हैं। साथ में वर्तमान स्थिति से अवगत कराने को कहा है। कोर्ट ने यह भी बताने को कहा है कि जब पूर्व में लगी रोक को हटा दिया गया था, उसके बाद झील का कितना सौंदर्यीकरण हुआ और जो झील के किनारे अतिक्रमण हुआ था उसपर क्या निर्णय लिया? उससे भी अवगत कराएं। आज सुनवाई पर प्राधिकरण की ओर से कहा गया कि वे इसे वेटलैंड घोषित कर रहे। जिसका विरोध करते हुए न्यायमित्र की तरफ से कहा गया कि वेटलैंड के नियमों का अनुपालन नही किया जा रहा है। जिसपर कोर्ट ने 3 दिसम्बर तक सम्बन्धित विभाग से स्थिति से अवगत कराने को कहा है। मामले की सुनवाई मुख्य न्यायधीश जी नरेद्र व न्यायमूर्ती सुभाष उपाध्याय की खण्डपीठ में हुई। न्यायमित्र अधिवक्ता डॉ. कार्तिकेय हरि गुप्ता ने न्यायालय को बताया कि जुलाई 2024 में न्यायालय ने सौन्दर्यीकरण कार्य पर लगी रोक को हटा लिया था और डीडीए को तीन महीने के भीतर सभी सौंदर्यीकरण कार्य पूरा करने का निर्देश दिये थे। विगत 07 नवम्बर को पुनः सुनवाई करते हुए न्यायालय ने डीडीए को एक सप्ताह के भीतर सौन्दर्यीकरण के सम्बन्ध में स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने के निर्देश दिये थे लेकिन रिपोर्ट आज तक दाखिल नहीं की गई है। श्री गुप्ता ने बताया कि आज अदालत ने प्रतिवादियों को प्रगति रिपोर्ट दाखिल करने के लिए एक सप्ताह का समय दिया था। आज जो रिपोर्ट पेश की गई उसपर उनके द्वारा आपत्ति जताते हुए कहा कि अभी तक झील में कोई सौंदर्यीकरण का कार्य नही हुआ है। जिसपर कोर्ट ने सम्बन्धित अधिकारियों से 3 दिसम्बर को स्थिति से अवगत कराने के साथ स्वयं कोर्ट में पेश होने को कहा है।