उत्तराखण्डः कार्बेट नेशनल पार्क में जिप्सी संचालन का मामला! हाईकोर्ट ने टाईगर कंजर्वेशन मांग की प्रति मांगी
नैनीताल। उत्तराखंड हाईकोर्ट ने कार्बेट नेशनल पार्क में जिप्सी संचालन को लेकर नए पंजीकृत स्थानीय वाहन स्वामियों को पार्क द्वारा जारी लिस्ट में शामिल नही करने के मामले में दायर कई याचिकाओं पर आज सुनवाई के बाद कोर्ट की खंडपीठ ने डायरेक्टर कॉर्बेट पार्क को टाईगर कंजर्वेशन मांग की प्रति कोर्ट में पेश करने को कहा है, ताकि कॉर्बेट नेशनल पार्क में पर्यटन को बढ़ावा मिलने के साथ ही स्थानीय लोगों को रोजगार मिल सके, इसपर निर्णय लिया जा सके। मामले के अनुसार स्थानीय निवासी चक्षु करगेती, सावित्री अग्रवाल व अन्य ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर कहा है कि कॉर्बेट पार्क में जिप्सी के लिए लॉटरी प्रक्रिया भाग लेने के लिए जो गाइडलाइन बनाई गई है सभी परमिट होल्डर जिनके पास वैलिड परमिट है और शर्तों को पूरा कर रहे हैं। चाहे वे पुराने परमिट धारक हो या फिर नए, उन सब को लॉटरी प्रक्रिया में भाग लेने का अधिकार है लेकिन जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क द्वारा विशेष कैटिगरी की जिप्सी स्वामी को पंजीकृत किया जा रहा है और 2 वर्ष पुराने पंजीकृत जिप्सियों को प्रतिभाग नहीं करने दिया जा रहा है, जबकि इन लोगों के पिछले वर्ष आरटीओ से परमिट प्राप्त किए हैं। साथ ही कोर्ट के पूर्व आदेशों का उल्लंघन है। उनको इसमे प्रतिभाग न करने की वजह से जिप्सी संचालक बेरोजगार हो गए हैं। नए बेरोजगारों को रोजगार नही मिल पा रहा है। जबकि वे भी स्थानीय लोग है। उनको भी रोजगार दिया जाय। इसके जवाब में सरकार की तरफ से कहा गया कि जिन को परमिट दिया गया, मानकों के अनुरूप दिया गया है। जो मानक पूर्ण नही करते हैं उन्हें लिस्ट से बाहर किया गया है।