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उत्तराखंड:केदारनाथ बद्रीनाथ धाम में डिजिटल चंदा मांगने वाले ठगों की खैर नहीं!इन ठगों की ठगन्ति विद्या पर उत्तराखंड पुलिस की नकेल,क्यूआर कोड से चंदा मांगने वालों पर उत्तराखंड पुलिस ने किया मुकदमा दर्ज

Uttarakhand Chardham Yatra! No good for thugs asking for digital donations in Kedarnath Badrinath Dham! Uttarakhand police filed a case against those asking for donations through QR code

उत्तराखंड के प्रसिद्ध चारधाम यात्रा की आप भी प्लानिंग कर रहे है तो सावधान हो जाइए। यहां केदारनाथ और बदरीनाथ धाम के पास ठगों ने श्रद्धालुओं को ठगने की नई तरकीब निकाली है ये ठग जगह जगह क्यूआर कोड स्कैनिंग के लिए लगाकर चंदा मांग रहे है। सोशल मीडिया में जैसे ही इन ठगों के इस ठगन्ति विद्या की फ़ोटो वायरल हुई उत्तराखंड पुलिस भी चौकन्नी हो गयी और मामले का संज्ञान लेकर कार्यवाही करनी शुरू कर दी। 

 

 उत्तराखंड पुलिस ने कहा कि चंदा मांगने के लिए बिना अनुमित लगाये गये क्यूआर कोड के संबंध में बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर कमेटी की तहरीर पर अज्ञात के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत कर आवश्यक वैधानिक कार्यवाही की जा रही है।

आपको बता दें कि इन दिनों केदारनाथ-बद्रीनाथ मंदिर के समीप कई जगह क्यूआर कोड के माध्यम से चंदा मांगा जा रहा है। केदारनाथ मंदिर के मुख्य गण सहित आस-पास डिजिटल पेमेंट का क्यूआर लगा होने मंदिर समिति पर ही सवाल खड़े होने लगे थे हालांकि मंदिर समिति के अध्यक्ष का कहना था कि यह क्यूआर कोड मंदिर समिति की ओर से नहीं लगाये गये थे।यह कपाट खुलने के दिन लगाये गये थे और इसमें जांच करने के आदेश दिये गये हैं। वहीं तीर्थ पुरोहित समाज ने भी क्यूआर कोड लगाये जाने पर सवाल खड़े किये। 
केदारनाथ धाम के कपाट 25 अप्रैल तो बद्रीनाथ धाम के कपाट 27 अप्रैल को खुले,कपाट खुलने के दिन दोनों धामों में डिजिटल पेंमेंट के क्यूआर कोड के हार्डिंग लगे रहे। कई भक्त बद्री-केदार मंदिर समिति के क्यूआर कोड समझकर दान भी करते रहे, लेकिन झटका तब लगा, जब मंदिर समिति ने यह कह दिया कि यह क्यूआर कोड मंदिर समिति ने नहीं लगवाये हैं।लगभग दो दिनों तक यह क्यूआर कोड मंदिरों में लगे रहे, लेकिन आखिरकर मंदिर समिति को इस बारे में क्यों नहीं पता चला, जबकि मंदिर समिति के लोग दोनों धामों में भारी संख्या में मौजूद हैं और मंदिर समिति की तमाम गतिविधियों का संचालन वहीं करते हैं। बहरहाल उत्तराखंड पुलिस ने अब इस मामले में सख्ती करनी शुरू कर दी है और आप भी अगर चारधाम यात्रा पर निकले तो ऐसे क्यूआर कोड को स्कैन करने से बचें।