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उत्तराखण्ड: फर्जी जज के नाम पर गैर जमानती वारंट जारी कर पैसे वसूलने का मामला! हाईकोर्ट ने डीजीपी और साइबर सेल से पूछा- आपने अभी तक क्या कार्रवाई की?

Uttarakhand: Case of extorting money by issuing non-bailable warrant in the name of fake judge! High Court asked DGP and Cyber ​​Cell- what action have you taken so far?

उत्तराखंड हाईकोर्ट में फर्जी जज के नाम पर एनबीडब्ल्यू (गैर-जमानती वारंट) जारी कर पैसे वसूलने के मामले में सुनवाई हुई। कोर्ट ने मामले को जनहित याचिका में बदलने का निर्देश दिया साथ ही डीजीपी और साइबर सेल से पूछा कि एक महीने पहले मामले की शिकायत दर्ज की गई थी अभी तक आपने इसमें क्या कार्रवाई की। 

आपको बता दें कि सुरेन्द्र कुमार ने याचिका दायर कर कहा है कि देहरादून जिला जज के नाम पर फर्जी स्कैनर लगाया गया है जिससे लोगों को एनबीडब्ल्यू जारी करते हुए डराकर जुर्माना वसूला जा रहा है,इसके साथ चार और फर्जी बैंक अकाउंट्स के जरिए लोगों से पैसे ऐंठे जा रहे हैं। कोर्ट ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए व्यक्तिगत याचिका को जनहित याचिका में तब्दील कर दिया है। याचिकाकर्ता की अधिवक्ता  प्रभा नैथानी ने बताया कि देहरादून के एडीजे के नाम से जारी एनबीडब्ल्यू पूरी तरह फर्जी है,क्योंकि न तो ऐसा कोई मामला किसी कोर्ट में विचाराधीन है और न ही हरिद्वार या देहरादून कोर्ट में इस नाम का कोई न्यायाधीश मौजूद है। इन फर्जी अकाउंट्स के जरिए लोगो को डिजिटल अरेस्ट किया जा रहा है उत्तराखंड हाईकोर्ट ने इस स्कैम को गंभीर मानते हुए कई अहम निर्देश दिए है। कोर्ट ने माना कि इस तरह के फर्जीवाड़े में प्राइवेट बैंकों की भी संलिप्तता हो सकती है, क्योंकि सभी फर्जी अकाउंट्स प्राइवेट बैंकों के ही हैं। कोर्ट ने आरबीआई, खाताधारक प्राइवेट बैंकों और टेलीकम्युनिकेशन कंपनियों को इस मामले में पार्टी बनाने को कहा है,साथ ही कोर्ट ने डीजीपी और साइबर सेल से सवाल किया कि एक महीने पहले दर्ज की गई शिकायत पर अब तक क्या कार्रवाई हुई। मामले की अगली सुनवाई 4 सितंबर, 2025 को तय की गई है।