उत्तराखण्ड ब्रेकिंगः रुद्रपुर में मजार ध्वस्तीकरण का मामला! हाईकोर्ट ने 24 घंटे में मांगा जवाब, वाहनों की आवाजाही पर लगाई रोक

Uttarakhand Breaking: Case of demolition of Mazar in Rudrapur! High Court sought reply in 24 hours, imposed ban on movement of vehicles

नैनीताल। उत्तराखंड हाईकोर्ट ने रुद्रपुर में एनएच पर मजार ध्वस्तीकरण के खिलाफ मेंशन की गई याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि 24 घंटे के भीतर दो सदस्य सहित मिट्टी स्थानांतरित करने की भूमिका का पूर्ण ब्यौरा उपलब्ध कराए। वहीं न्यायालय ने यूएस नगर जिला प्रशासन से कहा कि तब तक मजार के ऊपर वाहनों की आवाजाही पर रोक लगाई जाए। मामले की अगली सुनवाई के लिए कल 23 अप्रैल की तिथि नियत की गई है। इस दौरान वर्चुअल रूप जिला अधिकारी उधम सिंह नगर व एसपी मौजूद रहे। आज मामले की सुनवाई कोर्ट के समक्ष वक्फ अधिवक्ता द्वारा मेंशन किया गया, वहीं एनएच के अधिवक्ता ने कोर्ट को अवगत कराया की बीती दस फरवरी को एनएच ने नोटिस दिया था और फिर दोबारा नोटिस देकर ये कार्यवाही की। ये 1960 से सड़क की दरगाह के रूप में दर्ज है। खसरा बनाने पर ये मजार दर्ज की गई थी। इसका नियमानुसार मुआवजा दिया गया है। बता दें कि ऊधमसिंह नगर जिले के रुद्रपुर में इंदिरा चौक के समीप बनी सैय्यद मासूम शाह मिया और सज्जाद मिया की मजार को प्रशासन ने सोमवार तड़के बुलडोजर की मदद से हटा दिया। यह कदम प्रस्तावित आठ लेन हाईवे परियोजना को अमली जामा पहनाने के लिए बताया जा रहा है। एनएचए ने पहले ही संबंधित पक्ष को नोटिस जारी कर जानकारी दी थी। मजार को हटाने के लिए बुलडोजर लगाए गए। 

आज मामले को लेकर याचिकाकर्ता वक्फ अल्लाह ताला की तरफ से अधिवक्ता खान ने मेंशन किया, जिसे न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की एकलपीठ ने लंच के बाद सुना। सुनवाई के दौरान उधम सिंह नगर के जिलाधिकारी और एस.एस.पी.ऑनलाइन उपस्थित हुए। उच्च न्यायालय में एन.एच.से मजार हटाने को लेकर पहले से सुनवाई चल रही है। जिलाधिकारी ने न्यायालय को बताया कि इस दरगाह का नाम हज़रत मासूम साह दरगाह था। ये भूमि वक्फ की भूमि नहीं है। कहा कि बीती दस फरवरी को एन.एच.ने 60 दिन पहले नोटिस दिया था और फिर दोबारा नोटिस देकर ये कार्यवाही की। ये 1960 से सड़क की दरगाह के रूप में दर्ज है। खसरा बनाने पर ये मजार दर्ज की गई थी। इसका नियमानुसार मुआवजा दिया गया है। न्यायमूर्ति थपलियाल ने सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के अधिवक्ता से कहा कि वो दो लोगों की आधार कार्ड, फ़ोटो, ईमेल, फोन नंबर समेत सम्पूर्ण जानकारी दें जो मिट्टी लेकर जाएंगे। इसके अलावा 24 घंटे में शपथपत्र देकर बताएं कि वो इस मिट्टी को कहां स्थापित करेंगे? अधिवक्ता खान ने कहा कि प्रशासन ने मजार ध्वस्त कर वहां कोलतार बिछा दिया और वहां ट्रैफिक चलने लगा है। कहा कि बीती रात तक वहां ट्रैफिक नहीं चल रहा था और तड़के सवेरे ध्वस्तीकरण के बाद ट्रैफिक चल गया। इसपर न्यायालय ने जिलाधिकारी और एस.एस.पी.से डामरीकरण रोकने के साथ ही उक्त स्थल के ऊपर से ट्रैफिक की आवाजाही बन्द करने को कहा। सरकारी अधिवक्ता राजीव बिष्ट ने न्यायालय को बताया कि इस स्थल से दो हाइवे क्रॉस करते हैं। इससे ट्रैफिक की मुश्किलें हो रही हैं।