1999 ने हुए कंधार हाईजैक पर बनी वेब सीरीज "IC 814 द कंधार हाईजैक" में आतंकवादियों के नाम भोला शंकर दिखाने पर बवाल! सोशल मीडिया जबरदस्त बहिष्कार, जानें निर्देशक पर क्यों फूटा लोगों का गुस्सा?
कोई होशियारी नहीं करेगा, कोई हिलेगा नहीं! प्लेन हमारे कब्जे मैं है। किसी ने भी हरकत की या होशियारी दिखाने की कोशिश की, तो अच्छा नहीं होगा। हमने विमान को कब्जे में ले लिया है। ये कहकर उस दिन शाम 4.53 बजे प्लेन हाईजैक कर लिया गया था।
दिन था 24 दिसंबर, 1999! नेपाल का त्रिभुवन इंटरनेशनल एयरपोर्ट, यहीं ये इंडियन एयरलाइंस के विमान को हाईजैक कर अफगानिस्तान ले जाया गया था। ये विमान काठमांडू से दिल्ली आ रहा था। विमान ने जब काठमांडू के त्रिभुवन इंटरनेशनल एयरपोर्ट से उड़ान भरी, तो सबकुछ सामान्य नजर आ रहा था। विमान में ज्यादा यात्री भारतीय थे, जो दिल्ली आ रहे थे, लेकिन जैसे ही विमान भारतीय वायुसीमा में दाखिल हुआ, हाईजैकर्स खड़े हो गए और पूरे विमान को अपने कब्जे में ले लिया। फ्लाइट संख्या IC-814 में 176 यात्री सवार थे। हाईजैकर्स इस विमान में यात्रियों के वेश में चढ़े थे। विमान को काठमांडू से हाईजैक कर कंधार ले जाया गया था। विमान के हाईजैक होने के कुछ घंटों बाद ही हाईजैकर्स ने बढ़ती हुई मांगें करनी शुरू कर दीं। इनमें भारतीय जेलों में बंद आतंकवादियों की रिहाई की मांग भी शामिल थी और उन्होंने 200 मिलियन अमेरिकी डॉलर की फिरौती भी मांगी।
इस बीच विमान को ईंधन भरने के लिए दुबई एयरपोर्ट पर रोका गया, जहां 28 यात्रियों को उतारा गया। जिनमें ज्यादातर बच्चे और महिलाएं शामिल थीं। इतिहास के पन्नों में दर्ज इस घटना को आज फिर इसलिए याद किया जा रहा है, क्योंकि हाल ही में एक वेब सीरीज 'आईसी 814: द कंधार हाईजैक' रिलीज हुई है। वेब सीरीज में हाईजैक की इस घटना को लेकर कई ऐसी बातें भी सामने आई हैं, जिनसे अभी तक आम लोगों अंजान थे।
अब इस पूरी घटना पर वेब सीरीज बनी है आईसी 814 द हाइजैक स्टोरी नाम से, ये घटना 1999 में अटल बिहारी वाजपेयी गठबंधन सरकार के दौरान घटी थी, 1999 की घटना भारत के इतिहास की सबसे लंबी हाईजैक थी।
इस घटना पर बनाई गई वेब सीरीज मे 6 एपिसोड है। इस वेब सीरीज में ग्राउंड स्टोरी भले ही रियल घटना से ली हो लेकिन इसे पूरी तरह ड्रामे टाइज कर दिया है। फ्लाइट को हाईजैक करने वाले पांच हाईजैकर्स की पहचान इब्राहिम अतहर, शाहिद अख्तर सैयद, सनी अहमद काजी, जहूर मिस्त्री और शाकिर थे। और वे पाकिस्तान स्थित एक आतंकवादी समूह से थे। ये आतंकवादी आपस में कोड में बात करते थे और उन्होंने आपस मे बात करने के लिए निक नेम बनाए थे भोला शंकर डॉक्टर बर्गर इन नामों से वो एक दूसरे को बुलाते थे। वेब सीरीज में इन आतंकवादियों के रियल नाम की जगह उनके द्वारा रखे गए निक नेम ही दिखाए है जिस वजह से अब वेब सीरीज को लेकर खासा विवाद खड़ा हो गया है।
वेब सीरीज देखने के बाद सोशल मीडिया में अब निर्देशक अनुभव सिन्हा पर फैक्ट्स के साथ खिलवाड़ करने का आरोप लग रहा है, इतना ही नहीं फिल्म में तालिबान, कंधार के लोगो को अच्छा दिखाए जाने पर लोग नाराज़ हैं।
बता दें कि आईसी 814 विमान ने जब काठमांडू के त्रिभुवन इंटरनेशनल एयरपोर्ट से उड़ान भरी, तो सबकुछ सामान्य नजर आ रहा था. विमान में ज्यादा यात्री भारतीय थे, जो दिल्ली आ रहे थे। लेकिन जैसे ही विमान भारतीय वायुसीमा में दाखिल हुआ, हाईजैकर्स खड़े हो गए और पूरे विमान को अपने कब्जे में ले लिया। उन्होंने पायलट और यात्रियों पर बंदूकें तान दीं, फ्लाइट में आतंकवादियों ने रूपिन नाम के यात्री को मार डाला था, जिसकी कुछ ही दिन पहले शादी हुई थी, वही फ्लाइट में मौजूद निडर निर्भीक एक महिला डॉक्टर भी थी जिनका नाम अनीता बी जोशी है, उन्होंने आतंकवादियों से फेस टू फेस बात की थी और हिम्मत से उनका सामना किया था।
कंधार हाईजैक की घटना आज भी वाजपेयी सरकार की सबसे दुखती रग है, लेकिन तब सरकार के सामने कोई विकल्प नहीं था। 31 दिसंबर को सरकार और अपहरणकर्ताओं के बीच समझौते के बाद दक्षिणी अफगानिस्तान के कंधार एयरपोर्ट पर अगवा रखे गए सभी 155 बंधकों को आखिरकार रिहा कर दिया गया। 31 दिसम्बर 1999 की रात ही फलाइट 814 के छोड़े गए बंधकों को एक विशेष विमान से भारत वापस लाया गया। लेकिन ये खौफ के 8 दिन विमान में बैठे लोगों के साथ-साथ भारत के हर नागरिक के लिए खौफ भरे थे। दरअसल लोगों को डर था कि विमान में सवार लोगों को कुछ हो न जाए। फिर इस विमान में कुछ विदेशी नागरिक भी थे।