कंगना की फिल्म ‘Emergency’ की रिलीज का रास्ता हुआ साफ! 13 कट्स के साथ मिली U/A सर्टिफिकेंट की मंजूरी, जानें क्या हुआ बदलाव

The way is cleared for the release of Kangana's film 'Emergency'! U/A certificate approved with 13 cuts, know what changed

नई दिल्ली। फिल्म अभिनेत्री कंगना रनौती की फिल्म ‘इमरजेंसी’ के रिलीज होने का रास्ता साफ हो गया है। खबरों के मुताबिक केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) ने आखिरकार 13 बदलावों के साथ इस मूवी को यू/ए प्रमाणपत्र के लिए मंजूरी दे दी है। बता दें कि ये बदलाव ऐसे सीन से संबंधित हैं, जिन्हें सिख समूहों ने अपने समुदाय और आस्था को गलत तरीके से पेश करने के लिए आपत्तिजनक पाया था। 

सीबीएफसी की संशोधन समिति ने सिख समूहों द्वारा की गई मांगों के मद्देनजर पूरी फिल्म की फिर से जांच की। इसके बाद बोर्ड ने फिल्म की शुरुआत में एक डिस्क्लेमर ऐड करने के लिए कहा है, जिसमें कहा गया कि फिल्म ‘सच्ची घटनाओं से प्रेरित’ है और यह एक ‘नाटकीय परिवर्तन’ है। वहीं, इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, एक सूत्र ने कहा कि हम चाहते हैं कि दर्शकों को यह साफ हो जाए कि यह घटनाओं का एक नाटकीय संस्करण है, ताकि इसमें दिखाई की गई हर बात को पूरा सच न माना जाए। फिल्म के पहले 10 मिनट के एक सीन में पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू को यह कहते हुए सुना जा सकता है कि चीन ने असम को भारत से अलग कर दिया है। बोर्ड ने फिल्म निर्माताओं से इस जानकारी का वास्तविक स्रोत दिखाने को कहा है। रिपोर्ट के मुताबिक, सूत्र ने कहा कि सीबीएफसी की संशोधन समिति में इतिहासकार हैं और उन्हें याद नहीं है कि ऐसा कभी हुआ हो। इसके आगे फिल्म में 1 घंटे 52 मिनट पर भिंडरावाले को संजय गांधी से यह कहते हुए सुना जाता है कि तवादी पार्टी नु वोट चाइदे ने, ते सानू चैंडये खालिस्तान (आपकी पार्टी को वोट चाहिए, हमें खालिस्तान चाहिए)। सीबीएफसी चाहता है कि इस संवाद को हटा दिया जाए, क्योंकि इससे पता चलता है कि भिंडरावाले संजय गांधी के साथ सौदा कर रहा था। इसके अलावा, फिल्म निर्माताओं से इस दावे का समर्थन करने के लिए तथ्यात्मक स्रोत प्रदान करने के लिए कहा गया है।

कम से कम तीन सीन से ‘संत’” शब्द और भिंडरावाले का नाम हटाने का सुझाव दिया गया है, जहां भिंडरावाले का करैक्टर फ्रेम में नहीं है, लेकिन अन्य ऐतिहासिक व्यक्तियों के बीच बातचीत में चर्चा की जा रही है। उदाहरण के लिए, बोर्ड चाहता है कि इसे उस सीन से हटा दिया जाए, जिसमें संजय गांधी और तत्कालीन राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सिंह के बीच बातचीत दिखाई गई है और एक अन्य सीन में इंदिरा गांधी और सेना प्रमुख के बीच बातचीत दिखाई गई है। सूत्रों ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि कुछ समूह ऐसे थे जो भिंडरावाले को ‘संत’ कहने पर आपत्ति जता रहे थे और कुछ अन्य लोगों का आरोप था कि उन्हें गलत तरीके से पेश किया जा रहा है। इसलिए उनका नाम और संत के रूप में उनका उल्लेख कुछ सीन्स से हटाने का अनुरोध किया गया। बोर्ड ने फिल्म निर्माताओं से फिल्म के 2 घंटे 11 मिनट के एक सीन में सिखों द्वारा गैर-सिखों पर की गई हिंसा को कम करने के लिए कहा है। साथ ही एक अन्य सीन को हटाने का अनुरोध किया है, जिसमें सिखों को बस के सामने गैर-सिखों पर गोली चलाते हुए दिखाया गया है। ये सीन उन सिख समूहों द्वारा आपत्तिजनक पाए गए जिन्होंने फिल्म के खिलाफ आवाज उठाई थी।

इसके अलावा, फिल्म में 2 घंटे 12 मिनट के एक सीन में इंदिरा गांधी और तत्कालीन सेना प्रमुख को ऑपरेशन ब्लूस्टार पर चर्चा करते हुए दिखाया गया है। डायलॉग में एक लाइन है, जिसमें कहा गया है कि ऑपरेशन ‘अर्जुन दिवस’ पर शुरू होना था, जो गुरु अर्जन की शहादत की सालगिरह का दिन है। पांचवें सिख गुरु जिन्होंने पहला हरमंदिर साहिब (आज के स्वर्ण मंदिर का पूर्ववर्ती) बनवाया था। सीबीएफसी ने फिल्म निर्माताओं से ‘अर्जुन दिवस’ का संदर्भ हटाने के लिए कहा है, जिसमें कहा गया है कि ‘सिख धार्मिक परंपराओं में ऐसा कोई शब्द मौजूद नहीं है’। इसके अलावा बोर्ड चाहता है कि फिल्म निर्माता फिल्म में इस्तेमाल की जा रही वास्तविक फुटेज के लिए, जहां भी लागू हो, स्टेटिक मैसेज डालें और फिल्म निर्माताओं को फिल्म में उल्लिखित सभी आंकड़ों, बयानों और संदर्भों के लिए दस्तावेजी सबूत/साक्ष्य प्रस्तुत करने के लिए कहा गया है।