विश्वविधालय ने नहीं दिखाई तत्परता और निजी कालेज ने की ढीलाई तो लटक की सैंकडों छात्रों की स्कारशीप।

The future of the students is in danger due to the negligence of the private college and the poor functioning of the university.

निजी कॉलेज कैसे चंद पैसों के लालच में देश के युवाओं का भविष्य खराब कर रहे हैं, एडमिशन लेने के लिए तो छात्रों से बडे बडे वादे किये जाते हैं, लेकिन इसके बाद छात्रों को मिलने वाली सुविधाएं देने के नाम पर कभी विश्वविद्यालय तो कभी विभागों के चक्कर कटवाते रह जाते हैं, जिसके चलते छात्रों का भविष्य अधर में लटक रहा है, जी हां बाजपुर क्षेत्र के एक निजी कॉलेज का कुछ ऐसा ही मामला सामने आया है, जहां छात्रों को स्कॉलरशिप देने का वादा तो कॉलेज प्रबंधन द्वारा किया गया लेकिन जब छात्रों ने स्कॉलरशिप के लिए आवेदन करना चाहा तो हकीकत सामने आ गई, जिसके बाद से छात्र लगातार कालेज प्रबंधन से स्कॉलरशिप के लिए मांग तो कर रहे हैं, लेकिन उन्हे कैसे परेशान किया जा रहा है देखिये।

दर्सल बाजपुर क्षेत्र में एक ही व्यक्ति के अलग अलग नाम से तीन कॉलेज संचालित हो रहे हैं, इन तीनों कॉलेजों के नाम की मान्यता तो कुमाऊं विश्वविद्यालय से ली गई, लेकिन मान्यता के लिए विश्वविद्यालय स्तर पर हुी देरी के चलते  छात्रों को स्कॉलरशिप मिलने में दिक्कतें हो रही है, जबकि कालेज प्रबंधन अपनी इस कमी को छुपाता रहा है, वहीं छात्रों ने आरोप लगाया है कि कॉलेज द्वारा सम्बद्धता मानक पूरे न होने के कारण कालेज को सम्बद्धता देरी से मिली जिसके चलते छात्रों को स्कॉलरशिप मिलने में भी दिक्कत हो रही है,  वहीं फीस के लिए कॉलेज छात्रों पर लगातार दबाव बना रहा है, छात्रों का कहना है कि जब भी स्कॉलरशिप के लिए कॉलेज से कहते हैं तो वो विश्वविद्यालय की खामियां बताकर अपना पल्ला झाड़ लेते हैं। कुल मिलाकर कॉलेज के पैसे कमाने के लालच में सैकड़ों छात्रों का भविष्य अब दांव पर लग गया है, सरकारी सिस्टम की खामियां और और निजी कॉलेजों के मनमाने रवैय्ये के चलते छात्रों के भविष्य से खिलवाड किया रहा है, तो वहीं दूसरी ओर अब छात्रों का सब्र टूटने लगा है, जिसको लेकर कभी भी छात्र उग्र हो सकते हैं। वहीं कालेज प्रबन्धन के अनुसार एफिलेशन की फाईल समय पर लगा दी गी थी, लेकिन विश्वविग्लय स्तर पर हुी देरी के चलते छात्रों की स्कारशीप बी अधर में लटक गी, जिसके चलते छात्रों को दिक्कत हो रही है।