हैरान करने वाला मामलाः गाजियाबाद में चल रहा था फर्जी दूतावास! एसटीएफ की छापेमारी में हुए चौंकाने वाले खुलासे, शातिर अपराधी गिरफ्तार

Shocking case: Fake embassy was running in Ghaziabad! Shocking revelations made during STF raid, cunning criminal arrested

नई दिल्ली। यूपी के गाजियाबाद से एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसने सुरक्षा और खुफिया एजेंसियों को चौंका कर रख दिया है। दरअसल, यूपी एसटीएफ ने गाजियाबाद में फर्जी दूतावास का भंडाफोड़ किया है। कविनगर में इस दूतावास में एक नहीं चार-चार देशों की एंबेसी चल रहा था। इस घर के बाहर 4 डिप्लोमेटिक नंबर प्लेट वाली लग्जरी गाड़ियां लगी रहती थी। आरोपी ने गाड़ियों पर डिप्लोमेटिक नंबर प्लेट लगा रखी थी और विदेश मंत्रालय की मुहर वाले फर्जी दस्तावेज तैयार कर रखे थे। एसटीएफ ने छापेमारी में यहां से 12 फर्जी डिप्लोमेटिक पासपोर्ट बरामद किए है। मामले में एसटीएफ ने हर्षवर्धन नाम के एक शख्स को गिरफ्तार किया है। हर्षवर्धन खुद को ऐसे देशों का एंबेसडर बताता था, जो असल में दुनिया के नक्शे पर अस्तित्व ही नहीं रखते। यह नेटवर्क न केवल फर्जी पहचान के सहारे चला रहा था बल्कि इसके जरिए हवाला और विदेशी मुद्रा के गैरकानूनी संचालन जैसी गतिविधियों को भी अंजाम दे रहा था। किराए के मकान में चलने वाले इस फर्जी दूतावास से 44 लाख 70 हजार कैश बरामद हुए है। खास बात ये है कि चार अलग-अलग देशों के दूतावास एक ही घर पर बने थे। बताया जाता है कि आसपास के लोग जब इस घर के बाहर से गुजरते थे तो शांति से निकलते थे, लेकिन जब यूपी एसटीएफ की नोएडा यूनिट ने छापा मारा तो पूरा राज खुल गया।

फर्जी देशों के नाम पर दूतावास

एसटीएफ की जांच में सामने आया कि हर्षवर्धन जैन खुद को ‘माइक्रोनेशन’ या फर्जी देशों का राजदूत बताता था। उसने West Arctica, Saborga, Poulvia, Lodonia के नाम पर दूतावास खोला था। खास बात ये है कि इन देशों का इंटरनेट पर कहीं जिक्र तक नहीं है। अगर गूगल पर Saborga सर्च करें तो पता चलेगा कि ऐसा कोई देश ही नहीं है, बल्कि एक गांव और माइक्रोनेशन है जिसे देश का दर्जा नहीं मिला है। दूसरा नाम था Palvia, जिसे सर्च करने पर कुछ लोगों के नाम का टाइटल मिलता है। इसी तरह जब  Ladania सर्च किया जाता है तो ये एक लैब का नाम निकला। एक देश का नाम ये शख्स West Arctica लिखता था, सर्च करने पर पता चला कि ये यूनाइटेड नेशन के लिए काम करने वाली एक नॉन-प्राफिट संस्था का नाम है।

पीएम मोदी के साथ भी बना रखी थी फर्जी फोटो 
22 जुलाई 2025 को नोएडा एसटीएफ ने इस फर्जी एंबेसी पर छापेमारी कर हर्षवर्धन जैन को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में पता चला कि वह अपने प्रभाव को बढ़ाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम और अन्य विदेशी नेताओं के साथ अपनी मॉर्फ्ड तस्वीरों का प्रयोग करता था। इस पूरे ऑपरेशन के पीछे उसका मुख्य उद्देश्य विदेशों में फर्जी नौकरियों का झांसा देकर लोगों से पैसे वसूलना, शेल कंपनियों के माध्यम से हवाला कारोबार और नकली पासपोर्ट और विदेशी मुद्रा का अवैध व्यापार के साथ निजी कंपनियों को विदेशी कनेक्शन दिलाने के नाम पर दलाली करना था।