रुद्रपुर में शर्मसार करने वाली वारदातः मासूम से दरिंदगी के बाद बिचौलियों का गठजोड़, रसूखदारों ने चंद रुपयों में की सौदेबाजी, क्या दब जाएगा इंसाफ?

Shameful incident in Rudrapur: After brutality against an innocent, a nexus of middlemen, influential people bargained for a few rupees, will justice be suppressed?

रुद्रपर। ऊधम सिंह नगर जिला मुख्यालय रुद्रपुर से इंसानियत को शर्मशार करने वाला मामला सामने आया है, यहां संजय नगर खेड़ा में एक युवक पर नाबालिग से छेड़छाड़ व दुष्कर्म के आरोप लगे हैं। आरोप यह भी हैं कि इस मामले को पैसे लेकर दबा दिया गया। मामला सामने आने के बाद हर कोई हैरान है कि आखिर एक बच्ची की अस्मिता का सौदा करने की इजाजत किसने दी। घटना रुद्रपुर के वार्ड नंबर 11, संजय नगर की है। जहां सांई मंदिर के पास ठेला लगाने वाले एक व्यक्ति की 8 वर्षीय मासूम बेटी के साथ 25 वर्षीय एक युवक ने जबरन दुष्कर्म किया। जिसके बाद मामले को दबाने का असली खेल शुरू हो गया। इस मामले में पूर्व पार्षद विकास मल्लिक और स्थानीय निवासी असित बाला ने पार्षद प्रतिनिधि मानवेंद्र राय, मुकेश मंडल, सुधांशु शील पर पुलिस से मिलकर दुष्कर्म के मामले को रफा-दफा करने के गंभीर आरोप लगाएं हैं। नाबालिग से दुष्कर्म के मामले की निष्पक्ष जांच करने को लेकर स्थानीय निवासी और पूर्व पार्षद एसएसपी कार्यालय रुद्रपुर पहुंचे और एएसपी को मामले की जानकारी देते हुए नाबालिग का मेडिकल और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाही करने की मांग की। हैरानी की बात यह है कि पुलिस को सूचना होने के बावजूद अब तक प्राथमिकी दर्ज नहीं हुई है। चर्चा है कि ट्रांजिट कैंप पुलिस और इन बिचौलियों के बीच तीन से चार लाख रुपये की ‘डील’ हुई है। ये बिचौलिए न केवल आरोपी को बचा रहे हैं, बल्कि पीड़ित परिवार को डरा-धमकाकर गायब करने की फिराक में हैं। खबर है कि मासूम और उसके पिता को कहीं अज्ञात स्थान पर भेज दिया गया है ताकि मामला उत्तराखंड की सीमा से बाहर जाकर दम तोड़ दे। आवाज इंडिया द्वारा नाबालिग से दुष्कर्म के मामले को उठाने के बाद पार्षद पति मानवेंद्र राय ने एक प्रेस कांफ्रेंस आयोजित की और उन पर लगे सभी आरोपों को निराधार बताया और कहा कि इस तरह की कोई घटना हमारे क्षेत्र में नहीं हुई है हमारे खिलाफ राजनैतिक षड्यंत्र रचा जा रहा है। पार्षद पति मानवेंद्र राय से जब इस मामले को लेकर आवाज इंडिया के पत्रकार ने 112 पर घटना की सूचना देने और क्षेत्र में हुए इस जघन्य अपराध के बाद पीड़ित पक्ष के गायब होने के बारे में पूछा तो पार्षद पति मामले में घिरते नजर आए और पीड़ित पक्ष को किरायेदार बताकर पल्ला झाड लिया। नाबालिग से हुए दुष्कर्म के मामले की गूंज राज्य महिला आयोग और उत्तराखंड बाल अधिकार संरक्षण आयोग तक पहुंच चुकी है और स्थानीय निवासियों ने इस मामले में कार्रवाही करने के लिए आयोग को पत्र भी प्रेषित किया है। स्थानीय निवासियों ने प्रकरण की जांच किसी दूसरे थाने या उच्च एजेंसी से कराने की मांग की है ताकि ट्रांजिट कैंप पुलिस की भूमिका और इस मामले में संलिप्त आरोपियों की भी निष्पक्ष जांच हो सके।