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स्कूलों में बढ़ती हिंसा पर सवाल: काशीपुर में छात्र ने शिक्षक को मारी गोली, गाजीपुर में छात्र की चाकू से हत्या

Question on increasing violence in schools: Student shot teacher in Kashipur, student stabbed to death in Ghazipur

काशीपुर। उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश से आई दो घटनाओं ने शिक्षा जगत को हिला कर रख दिया है। ऊधम सिंह नगर जिले के काशीपुर में बुधवार को एक 9वीं कक्षा के छात्र ने अपने शिक्षक पर तमंचे से गोली चला दी। वहीं, इसी सप्ताह सोमवार को यूपी के गाजीपुर में 9वीं कक्षा के छात्र ने 10वीं के छात्र की चाकू से हत्या कर दी थी। दोनों घटनाओं ने न केवल स्कूलों की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं, बल्कि बच्चों में बढ़ती हिंसक प्रवृत्ति को लेकर समाज और अभिभावकों को भी सोचने पर मजबूर कर दिया है।

शिक्षक पर छात्र ने चलाई गोली
काशीपुर के एक निजी स्कूल में पढ़ने वाले 9वीं कक्षा के छात्र और शिक्षक के बीच विवाद ने खौफनाक मोड़ ले लिया। जानकारी के अनुसार, कक्षा में अनुशासनहीनता के चलते शिक्षक ने छात्र को थप्पड़ मार दिया था। इससे नाराज़ छात्र ने गुस्से में घर से तमंचा उठाया और उसे लंच बॉक्स में छिपाकर स्कूल ले आया। कक्षा में प्रवेश करते ही उसने शिक्षक पर गोली चला दी। गोली शिक्षक के दाहिने कंधे के नीचे लगी, जिससे वह लहूलुहान होकर जमीन पर गिर पड़े। उन्हें गंभीर हालत में तुरंत एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां डॉक्टरों ने उनकी स्थिति को चिंताजनक बताया है। घटना के बाद पूरे जिले में शिक्षकों में आक्रोश फैल गया। उत्तराखंड सीबीएसई बोर्ड से जुड़े शिक्षकों ने इस कृत्य की निंदा करते हुए हड़ताल और धरने की घोषणा कर दी। काशीपुर और आसपास के कई स्कूलों में आज कक्षाएं बंद रहीं। पुलिस ने मौके से छात्र को हिरासत में ले लिया है और उसके पास से तमंचा बरामद कर लिया है। फिलहाल पुलिस घटना के पीछे की पूरी परिस्थितियों की जांच कर रही है।

गाजीपुर: छात्र ने छात्र की चाकू से की हत्या
काशीपुर की घटना से पहले सोमवार को गाजीपुर जिले के एक निजी स्कूल में हुई वारदात ने पूरे प्रदेश को झकझोर दिया था। यहां 9वीं कक्षा के छात्र ने 10वीं कक्षा के छात्र आदित्य वर्मा पर चाकू से हमला कर दिया। जानकारी के अनुसार, दोनों छात्रों के बीच आपसी कहासुनी हो गई थी। विवाद को शांत कराने पहुंचे आदित्य को आरोपी छात्र ने बाथरूम के पास बेरहमी से चाकू मार दिया। आदित्य की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि बीच-बचाव करने आए तीन अन्य छात्र गंभीर रूप से घायल हो गए।आरोपी छात्र चाकू को बड़ी चालाकी से पानी की मेटल बोतल में छिपाकर स्कूल लाया था। जैसे ही मौका मिला, उसने हमला कर दिया। वारदात के बाद स्कूल में अफरा-तफरी मच गई और पुलिस ने आरोपी को तुरंत पकड़ लिया।

शिक्षकों और अभिभावकों में चिंता
इन दोनों घटनाओं ने शिक्षकों और अभिभावकों की चिंता बढ़ा दी है। शिक्षकों का कहना है कि स्कूल में हथियार लेकर पहुंचने की घटनाएं बेहद खतरनाक हैं और इससे बच्चों की सुरक्षा खतरे में पड़ रही है। वहीं, अभिभावक पूछ रहे हैं कि आखिर बच्चों के बीच इतनी हिंसक मानसिकता क्यों पनप रही है। शिक्षाविदों का मानना है कि मोबाइल, इंटरनेट और फिल्मों में दिखने वाली हिंसा बच्चों पर गहरा असर डाल रही है। इसके अलावा परिवार और समाज में संवाद की कमी भी उन्हें गलत राह पर ले जा रही है। इन घटनाओं ने स्कूलों की सुरक्षा व्यवस्था पर भी गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। आखिर कैसे छात्र हथियार छिपाकर स्कूलों में प्रवेश कर रहे हैं? क्यों समय रहते रोकथाम नहीं हो पा रही? शिक्षकों का कहना है कि जब तक स्कूलों में सुरक्षा जांच और मानसिक परामर्श की व्यवस्था नहीं होगी, तब तक ऐसी घटनाएं रुकना मुश्किल है। काशीपुर और गाजीपुर की घटनाएं चेतावनी हैं कि बच्चों के भीतर छिपी आक्रामकता को समय रहते समझना और रोकना बेहद जरूरी है। शिक्षा केवल किताबों तक सीमित न रहकर उन्हें अनुशासन, संवाद और मानवीय मूल्यों की ओर भी ले जाए—यह अब सबसे बड़ी चुनौती बन गई है।