उत्तराखण्ड में अब भालू का आतंक! 11 दिन में तीन लोगों की गई जान, वन महकमा अलर्ट
देहरादून। उत्तराखण्ड में जंगली जानवरों का आतंक बदस्तूर जारी है। जंगली जानवरों के हमले में आए दिन जान-माल की खबरें सामने आती रहती है। गुलदार के आतंक के बाद अब भालू की दहशत देखने को मिल रही है। विगत 27 अक्तूबर से छह नवंबर के बीच भालू के हमले और उससे बचने के प्रयास में तीन लोगों की मौत हो चुकी है। इन घटनाओं से लोगों में दहशत व्याप्त है। सामान्य तौर पर बाघ, तेंदुएं के आदमखोर होने के बाद मारने का आदेश वन विभाग जारी करता है। पौड़ी जिले में भालू के हमलों की घटना के मद्देनजर वन विभाग ने पहली बार सितंबर में भालू को मारने की आदेश जारी किया था। वनाधिकारियों के अनुसार रुद्रप्रयाग, पौड़ी, चमोली गोपेश्वर गोविंद पशु वन्यजीव विहार, पिथौरागढ़ और बागेश्वर जिला संवेदनशील बना हुआ है। यहां पर कई घटनाएं सामने आई है। अपर प्रमुख वन संरक्षक विवेक पांडे कहते हैं कि भालू हाइबरनेशन में जाने का समय है। वह भोजन एकत्र करने के लिए जाते हैं, तो यह घटनाएं होती है। घटनाओं की रोकथाम के लिए अधिकारियों का निर्देशित किया जा चुका है।
बता दें कि 27 अक्तूबर को उत्तरकाशी जिले के औंगी गांव में भालू के हमले के बाद बचने के लिए भागी महिला की पहाड़ी से गिरकर मौत हो गयी। वहीं दो नवंबर को ज्योर्तिमठ विकास खंड के दाडि़म गांव में भालू में हमले में एक व्यक्ति घायल हो गया। तीन नवंबर को पिथौरागढ़ के बोरागांव में भालू के हमले में महिला की मौत हो गयी। इधर छह नवंबर को उत्तरकाशी जिले के हीना गांव में भालू से बचने के लिए दौड़ी महिला की पहाड़ी से गिरने से मौत हो गयी।