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नैनीताल:दूध के प्लास्टिक पैकेट वापसी व्यवस्था लागू करने के आदेश, मंत्री सौरभ बहुगुणा ने दिए निर्देश! इस पहल की मांग करने वाली गज़ाला कमाल ने जताया आभार

Nainital:Minister Saurabh Bahuguna has issued orders to implement a milk plastic packet return system! Ghazala Kamal, who initiated the initiative, expressed her gratitude.

नैनीताल।
दुग्ध उत्पादन और वितरण में उपयोग होने वाले प्लास्टिक पैकेटों से बढ़ते प्रदूषण को लेकर नगर पालिका परिषद, नैनीताल की स्वास्थ्य समिति की अध्यक्ष, सुखताल की सभासद एवं भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा की जिला महामंत्री गज़ाला कमाल द्वारा उठाई गई पहल अब रंग लाने लगी है। दुग्ध मंत्री को भेजे गए औपचारिक पत्र के बाद मंत्री सौरभ बहुगुणा ने नैनीताल जिले में दूध के प्लास्टिक पैकेटों की वापसी और उनके समुचित निस्तारण की व्यवस्था लागू करने के लिए विभागीय स्तर पर आवश्यक निर्देश जारी कर दिए हैं। इस निर्णय से न केवल जिले के शहरी इलाकों बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में भी तेजी से बढ़ रहे प्लास्टिक कचरे पर नियंत्रण की दिशा में महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।

 

अपने पत्र में गज़ाला कमाल ने उल्लेख किया था कि दुग्ध कंपनियां बड़े पैमाने पर दूध की आपूर्ति प्लास्टिक पैकेटों में कर रही हैं, जो उपयोग के बाद कचरे में बदल जाते हैं और वर्षों तक नष्ट नहीं होते। इससे पर्यावरण के साथ-साथ मानव स्वास्थ्य पर भी गंभीर प्रभाव पड़ रहा है। उन्होंने कंपनियों की सामाजिक व पर्यावरणीय जिम्मेदारी तय करने की मांग करते हुए यह भी कहा था कि उपयोग किए गए प्लास्टिक पैकेटों को कंपनियों द्वारा वापस लेना अनिवार्य किया जाना चाहिए और उनके रीसाइक्लिंग व पुनः उपयोग की प्रभावी व्यवस्था बनाई जाए।

इसके साथ ही पत्र में एक व्यावहारिक सुझाव भी दिया गया कि जिस प्रकार पूर्व में 25 से 30 खाली दूध पैकेट लौटाने पर एक पैकेट मुफ्त दिया जाता था, उसी व्यवस्था को पुनः लागू किया जाए। इससे उपभोक्ताओं को पैकेट वापस करने के लिए प्रोत्साहन मिलेगा और बड़ी मात्रा में प्लास्टिक कचरा संगठित रूप से कंपनियों तक वापस पहुंच सकेगा, जिससे उसका वैज्ञानिक निस्तारण और पुनर्चक्रण संभव हो पाएगा।

मंत्री सौरभ बहुगुणा द्वारा इस दिशा में आदेश जारी किए जाने के बाद गज़ाला कमाल ने उनका आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यह पहल राज्य में “स्वच्छ पर्यावरण और स्वस्थ समाज” के निर्माण की दिशा में एक बड़ा और प्रभावी कदम साबित होगी। उन्होंने उम्मीद जताई कि यदि यह व्यवस्था पूरी गंभीरता के साथ लागू होती है, तो उत्तराखंड प्लास्टिक प्रदूषण से निपटने के मामले में एक मिसाल कायम कर सकता है।