नैनीतालः 24 घंटे भी नहीं टिक पाई सड़क! उखड़ने लगा डामर, उठ रहे तमाम सवाल! एसडीएम ने दिया ये जवाब
नैनीताल। मुख्यमंत्री के गड्ढा मुक्त अभियान पर नैनीताल में लीपापोती होती नजर आ रही है। जहां एक तरफ डामरीकरण का काम हो रहा है, मशीनें और मजदूर सड़क पर डामर बिछा रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ की तस्वीरें हैरान करने वाली हैं। यहां डामर बिछाए हुए अभी बमुश्किल 24 घंटे भी नहीं हुए हैं और सड़क उखड़नी शुरू हो गयी है। हालात ये हैं कि मजदूर डामर बिछाने के साथ-साथ झाड़ू लगाकर सड़क से उखड़े हुए डामर को साफ करते भी दिख रहे हैं। दरअसल नैनीताल-पंगूट सड़क पर्यटकों के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। साथ ही इस इलाके में रहने वाले स्थानीय लोगों के लिए यह एकमात्र आवागमन का मार्ग भी है। इस सड़क के डामरीकरण पर लगभग 1 करोड़ रुपये की धनराशि खर्च की जा रही है, जिसमें प्रति किलोमीटर 14 लाख रुपये का बजट है। लेकिन सड़कों की हालत देखकर साफ समझ आता है। ग्रामीणों का कहना है कि पिछले कई वर्षों से रोड खस्ता हाल में थी जिसमें डामरीकरण की मांग की जा रही थी। इस बार डामरीकरण तो हो रहा है मगर अपने पीछे एक सवाल छोड़ता जा रहा है। ग्रामीणों का साफ तौर पर कहना है इस तरह के डामरीकरण से अच्छा तो पहले था कम से कम गाड़ियां तो नहीं रपट रही थी। इस डामरीकरण का काम समय की अनुकूल परिस्थिति में ना होना हो सकता है, क्योंकि ठंड के मौसम में इसके उखड़ने की संभावनाएं बढ़ जाती हैं। वहीं इस पूरे मामले में एसडीम नवाजिश खालिक का कहना है की जानकारी मिलने के बाद हमारी टीम ने मौके पर निरीक्षण किया है। ठंड के मौसम में डामरीकरण में कुछ चुनौतियां आती हैं। अगर काम की गुणवत्ता में कोई कमी पाई जाती है तो इसे तुरंत दोबारा करवाया जाएगा। हमने संबंधित विभाग को निर्देश दिए हैं कि गुणवत्ता से समझौता नहीं किया जाएगा और यह सुनिश्चित किया जाएगा कि सड़क जल्द से जल्द दुरुस्त हो। एसडीएम नवाजिश खलीक ने भले ही सड़क को फिर से बनाने की बात कही हो और गुणवत्ता सुनिश्चित करने का आश्वासन दिया हो, लेकिन सवाल यह उठ रहा है कि आखिर ऐसी नौबत ही क्यों आई?