नैनीताल:उत्तराखंड राज्य की रजत जयंती की तैयारियां शुरू!1 नवंबर से 9 नवंबर तक जिले में होंगे विभिन्न कार्यक्रम आयोजित,लिंक में पढ़ें किस दिन क्या कार्यक्रम होगा
उत्तराखंड राज्य की स्थापना के 25 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में रजत जयंती समारोह का आयोजन पूरे जोश और उत्साह के साथ किया जा रहा है। इस खास अवसर को यादगार बनाने के लिए नैनीताल जिले में विभिन्न रंगारंग और सार्थक कार्यक्रमों की रूपरेखा तैयार की गई है। शनिवार को विकास भवन सभागार में जिलाधिकारी ललित मोहन रयाल की अध्यक्षता में एक महत्वपूर्ण बैठक हुई, जिसमें समारोह की तैयारियों को अंतिम रूप देने के साथ-साथ विभिन्न विभागों को जिम्मेदारियां सौंपी गईं।
जिलाधिकारी ने बैठक में स्पष्ट निर्देश दिए कि रजत जयंती समारोह को पूरे जिले में भव्यता और उत्साह के साथ मनाया जाए। उन्होंने सभी विभागों से कहा कि उन्हें सौंपी गई जिम्मेदारियों का शत-प्रतिशत पालन करते हुए कार्यक्रमों को ऐतिहासिक और प्रभावशाली बनाया जाए। इस आयोजन के तहत 1 नवंबर से 9 नवंबर तक जिले में विविध गतिविधियों का सिलसिला चलेगा, जो उत्तराखंड की संस्कृति, पर्यावरण, खेल, शिक्षा और स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने का एक अनूठा मंच प्रदान करेगा।
समारोह की शुरुआत 1 से 3 नवंबर तक नैनीताल के पंगोट में पक्षी दर्शन और प्रशिक्षण कार्यक्रम के साथ होगी। यह आयोजन पर्यटन विभाग के तत्वावधान में होगा, जिसमें पर्यटकों और स्थानीय लोगों को प्रकृति और पक्षी जीवन के प्रति जागरूक किया जाएगा। जिला पर्यटन विकास अधिकारी को इस कार्यक्रम को समयबद्ध और सफलतापूर्वक संपन्न करने की जिम्मेदारी दी गई है।
2 नवंबर को युवाओं को पर्यटन और प्रकृति से जोड़ने के लिए बिलड़ा से कैंची धाम तक एक ट्रैकिंग कार्यक्रम आयोजित होगा। यह पहल न केवल साहसिक गतिविधियों को बढ़ावा देगी, बल्कि उत्तराखंड की प्राकृतिक सुंदरता को भी प्रदर्शित करेगी।
3 नवंबर को पर्यावरण संरक्षण और जल संरक्षण के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए भीमताल झील में वाटर साइकिलिंग प्रतियोगिता का आयोजन किया जाएगा। इसके साथ ही शिप्रा नदी की स्वच्छता के लिए एक विशेष अभियान भी चलाया जाएगा। इस कार्य के लिए पर्यटन और जलागम विभाग को जिम्मेदारी सौंपी गई है।
4 नवंबर को खेल और स्वच्छता सप्ताह के तहत जिले के स्कूलों में विभिन्न खेल प्रतियोगिताएं आयोजित की जाएंगी। इसके लिए मुख्य शिक्षा अधिकारी, युवा कल्याण अधिकारी और जिला विकास अधिकारी को जिम्मेदार बनाया गया है। साथ ही, इस दिन जिले के सभी जल स्रोतों, पेयजल टैंकों और अन्य सार्वजनिक स्थानों पर स्वच्छता अभियान चलाया जाएगा। इस अभियान के नोडल अधिकारी जिला विकास अधिकारी होंगे, जबकि सह-नोडल अधिकारी के रूप में जिला पंचायतराज अधिकारी, अपर मुख्य अधिकारी जिला पंचायत और पेयजल विभाग के अधिकारी कार्य करेंगे।
5 से 7 नवंबर तक खगोल विज्ञान को बढ़ावा देने के लिए एक विशेष एस्ट्रो इवेंट का आयोजन होगा। इस आयोजन के जरिए लोगों को अंतरिक्ष और तारों की दुनिया से परिचित कराया जाएगा। जिला पर्यटन विकास अधिकारी को इसकी जिम्मेदारी दी गई है।
6 नवंबर को स्थानीय उत्पादों और उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए कृषि विभाग द्वारा बायर-सेलर मीट का आयोजन किया जाएगा, जिसमें ऑनलाइन बाजार की सुविधा प्रदान की जाएगी। इसके अलावा, बाल विकास विभाग की ओर से पौष्टिक व्यंजन प्रतियोगिता का आयोजन होगा, जो स्थानीय खान-पान और पोषण के महत्व को रेखांकित करेगा। इस दिन स्कूलों और कॉलेजों में उत्तराखंड के विकास और भविष्य के रोडमैप पर आधारित वाद-विवाद, पेंटिंग और निबंध लेखन जैसी प्रतियोगिताएं भी आयोजित की जाएंगी।
7 नवंबर को हल्द्वानी के एमपी इंटर कॉलेज में कृषकों और भूतपूर्व सैनिकों के सम्मान में एक विशेष समारोह आयोजित होगा। इस आयोजन की जिम्मेदारी जिला सैनिक कल्याण अधिकारी को सौंपी गई है। यह कार्यक्रम उत्तराखंड के उन नायकों को सम्मानित करने का अवसर होगा, जिन्होंने देश और समाज के लिए महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
8 नवंबर को नैनीताल के फ्लैट मैदान में सांस्कृतिक संध्या का आयोजन होगा, जिसमें स्थानीय कलाकार अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करेंगे। साथ ही, स्वयं सहायता समूहों द्वारा स्थानीय उत्पादों की प्रदर्शनी और फूड कैंपेन का आयोजन किया जाएगा, जो क्षेत्र की हस्तकला और खान-पान को बढ़ावा देगा।
समारोह का समापन 9 नवंबर को नैनीताल के फ्लैट मैदान में एक और सांस्कृतिक संध्या के साथ होगा, जिसमें विभिन्न सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के साथ-साथ अन्य कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। यह दिन उत्तराखंड की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और एकता का उत्सव होगा।
बैठक में मुख्य विकास अधिकारी अनामिका, अपर जिलाधिकारी विवेक रॉय, सिटी मजिस्ट्रेट गोपाल सिंह चौहान, नगर आयुक्त हल्द्वानी परितोष वर्मा, जिला विकास अधिकारी गोपाल गोस्वामी सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी मौजूद रहे। सभी ने एकजुट होकर इस रजत जयंती समारोह को ऐतिहासिक बनाने का संकल्प लिया। यह आयोजन न केवल उत्तराखंड की उपलब्धियों का उत्सव होगा, बल्कि राज्य के उज्ज्वल भविष्य की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम भी साबित होगा।