नैनीताल:दूध की थैलियों से बढ़ते प्लास्टिक प्रदूषण पर सभासद और स्वास्थ्य समिति अध्यक्ष नगर पालिका ने की पैकेट वापसी नीति लागू करने की मांग
नैनीताल।
दुग्ध उत्पादन और वितरण में उपयोग होने वाले प्लास्टिक पैकेटों से बढ़ते प्रदूषण को लेकर नगर पालिका परिषद, नैनीताल की स्वास्थ्य समिति की अध्यक्ष,सुखताल की सभासद और भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा की जिला महामंत्री गज़ाला कमाल ने दुग्ध मंत्री को एक औपचारिक पत्र भेजकर बढ़ते प्लास्टिक प्रदूषण पर गंभीर चिंता जताई है। उन्होंने पत्र में लिखा है कि वर्तमान समय में अधिकतर दुग्ध कंपनियां दूध की आपूर्ति प्लास्टिक पैकेटों में कर रही हैं, जो उपयोग के बाद कचरे में बदल जाते हैं और वर्षों तक नष्ट नहीं होते। इसके कारण शहरों एवं ग्रामीण क्षेत्रों में प्लास्टिक कचरे की समस्या विकराल रूप ले चुकी है, जो पर्यावरण के साथ-साथ मानव स्वास्थ्य के लिए भी अत्यंत हानिकारक सिद्ध हो रही है।

पत्र में दुग्ध कंपनियों की सामाजिक और पर्यावरणीय जिम्मेदारी तय किए जाने की आवश्यकता पर बल देते हुए मांग की गई है कि दूध की आपूर्ति के बाद उपयोग किए गए प्लास्टिक पैकेटों को कंपनियों द्वारा वापस लेना अनिवार्य किया जाए। साथ ही कंपनियों को रीसाइक्लिंग और पुनः उपयोग योग्य व्यवस्था विकसित करने के लिए निर्देशित करने का आग्रह किया गया है, ताकि पर्यावरण को होने वाले नुकसान को कम किया जा सके।
इसके साथ ही एक व्यावहारिक सुझाव भी दिया गया है कि पूर्व में जिस तरह 25 से 30 खाली दूध के पैकेट वापस करने पर एक पैकेट मुफ्त दिया जाता था, उसी व्यवस्था को दोबारा शुरू किया जाए। इससे उपभोक्ताओं को पैकेट लौटाने के लिए प्रेरणा मिलेगी और बड़ी मात्रा में प्लास्टिक कचरा कंपनियों तक वापस पहुंच सकेगा, जिससे उसके समुचित निस्तारण और पुनर्चक्रण की राह आसान हो सकेगी। यदि यह पहल लागू कर दी जाती है,तो इस से राज्य में “स्वच्छ पर्यावरण और स्वस्थ समाज” की दिशा में एक बड़ा और प्रभावी कदम आगे बढ़ने की उम्मीद भी जग जाएगी।