नैनीतालः बैल पड़ाव रेंज में चांदनी सफारी इको टूरिज्म जोन बनाए जाने का मामला! हाईकोर्ट ने सरकार से पूछे सवाल

 Nainital: Case of making Chandni Safari Eco Tourism Zone in Bail Padav Range! High Court asked questions to the government

नैनीताल। उत्तराखण्ड हाईकोर्ट ने वन विभाग द्वारा कॉर्बेट नेशनल पार्क के बैल पड़ाव रेंज में चांदनी सफारी इको टूरिज्म जोन बनाए जाने के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट की खण्डपीठ ने राज्य सरकार से पूछा है कि सम्बंधित विभागों से अनुमति ली है या नही? कोर्ट को बताएं। आज हुई सुनवाई पर वन विभाग की तरफ से कहा गया कि यह अभी बनाया नही गया है प्रस्तावित है। जबकि याचिकाकर्ता की तरफ से कहा गया कि इसके लिए केंद्र सरकार से अनुमति नही ली गयी है राज्य सरकार अपने स्तर से इसे बना रही है। जो कि नियमों के विरुद्ध है। बता दें कि मुकेश बिष्ट, देवेंद्र सिंह फरतीयल, नवीन उपाध्याय निवासीगण गेबुआ, क्यारी और गजपुर छोई ने जनहित याचिका दायर कर कहा है कि तराई पश्चिमी वन प्रभाग के द्वारा बैल पड़ाव रेंज के 35 किलोमीटर एरिया को इको टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए विकसित किया गया है। अब वन प्रभाग इस क्षेत्र में चांदनी सफारी ईको टूरिज्म के नाम से नया जॉन खोल रही है। जबकि कॉर्बेट नैशनल पार्क में पहले से ही 15 ईको टूरिज्म जोन खुले हुई है। जनहित याचिका में विभाग पर आरोप लगाए गए है कि सफारी जोन खोलने से पहले क्षेत्र के ग्रामीणों से सलाह मशविरा नही किया गया। जो कि भारत सरकार की गाईड लाइन व वन अधिनियम 1980 का उल्लंघन है। गाईड लाईन में कहा गया कि सफारी जोन खोलने से पहले क्षेत्र के ग्रामीणों से सलाह मशविरा किया जाना आवश्यक है। जोन खोलने से ग्रामीणों में आक्रोश है। ग्रामीणों का कहना है कि मानवों का जंगल में आवागमन होने के कारण जानवर प्रभावित होंगे। जिससे कि मानव वन्यजीव संघर्ष बढ़ेगा। पर्यावरण को क्षति होगी। जानवर आबादी क्षेत्रों का रुख करेंगे।  इसलिए इसपर रोक लगाई जाए। जबकि सरकार की तरफ से कहा गया कि जोन को इसलिए खोला जा रहा कि इस क्षेत्र का विकास होगा। ग्रामीणों को रोजगार के नए अवसर मिलेंगे। इसका विरोध ग्रामीणों को नही करना चाहिए।