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पर्वतारोहियों के लिए बेहतर एडवंचर बनती जा रही है, माउंट गरुड़ डोम पीक

Mount Garuda Dome Peak is becoming a better adventure for climbers

उत्तराखंड के नन्दादेवी राष्ट्रीय पार्क जोशीमठ के तहत द्रोणागिरी घाटी के बफर ज़ोन में स्थित बागनी ग्लेशियर, चंगबंग पीक,लंपक,सहित गरुड़ डोम पीक साहसिक पर्यटन के शौकीनों के लिए सबसे बेहतर जगह बनती जा रही है, इसी बागनी खर्क क्षेत्र की सबसे ऊंची चोटी माउंट गरुड़ डोम 6000 मीटर पर जोशीमठ के युवा पर्वतारोही सोबन सिंह मर्तोलिया के नेतृत्व में तिरंगा लहरा कर एक 6 सदस्यीय पर्वतारोही दल समिट कर सकुशल जोशीमठ लौट आया है, अभियान दल को लीड कर रहे सोबन सिंह बताते है कि उनके इस दल में वेस्ट बंगाल के पर्वतारोही, देवरूप चक्रबर्ती, सौरव अधिकारी,पलाश सरकार, लुईस गेरार्डो,अजय रावत, आदि सदस्य मौजूद थे, दल ने जोशीमठ से रुइंग तक वाहन से सफ़र किया यहां से द्रोणागिरी ट्रैक करके पहुंचे जहां से बागनी बेसकेंप पहुंच कर आगे समिट कैम्प को तैयारी की गई सुबह दो बजे दल ने गरुड़ डोम पीक को समिट करने के लिए समिट कैम्प से पहला कदम बढ़ाया ओर ठीक सुबह 8 बजकर 50 मिनट पर दल के सभी सदस्य माउंट गरुड़ डोम की चोटी पर थे, जिसके बाद भारत माता की जय के जयकारे के साथ तिरंगा लहराया गया, उन्होंने बताया कि यह छेत्र एडवेंचर टूरिज्म का हब है जरूरत है इसके लिए ठोस कार्य योजना बनाने की और पर्वतारोहण ओर ट्रेकिंग परमिट इशू करने बावत सिंगल विंडो सिस्टम तैयार करने की ताकि यहां आने वाले साहसिक पर्यटन के शौकीनों को परमिट से लेकर अन्य कोई दिक्कत न हो सुगमता से यहां एडवेंचर टूरिज्म का लुफ्त उठा सके,