मणिपुर हिंसा!बीटेक के विद्यार्थी फंसे हॉस्टल में!खिड़कियां तक खोलने के मनाही,बाहर निकलने पर रोक,हॉस्टल में हैं कैद

Manipur violence! B.Tech students trapped in hostel! Forbidden to open windows, ban on exit, imprisoned in hostel

मणिपुर में लगातार बिगड़ रहे हालातो के बीच काशी और आसपास के जिलों के कुछ स्टूडेंट्स के फंसे होने की खबर सामने आई है। जिस वक्त मणिपुर में हिंसा आगजनी के चलते हालात बिगड़े उस समय ये स्टूडेंट्स हॉस्टल में थे,और एग्जाम की तैयारी कर रहे थे। लेकिन मणिपुर में तेज़ी से फैली हिंसा की वजह से बीटेक की परीक्षा टाल दी गयी है। हॉस्टल में फंसे स्टूडेंट्स को खिड़की तक खोलने की मनाही है। 
कुछ छात्रों का सम्पर्क अपने परिजनों से हुआ जिसमें उन्होंने बताया कि बीती 3 मई को परिसर के बाहर ही हिंसा हुई थी,कभी बम धमाके की अवाज़े आई तो कभी गोली चलने की आवाज़, चारो तरफ हाहाकार मचा हुआ था लोग चिल्ला रहे थे। उम्मीद है कि 11 मई तक घर वापसी हो जाये।
वही अपने बच्चों से बात कर चिंतित परिजनों ने कहा कि जिस तरह वहां हिंसा हो रही है,हर कोई डरा हुआ है,वहां फंसे विद्यार्थियों के परिजन भी चिंतित है सभी विद्यार्थियों को हॉस्टल में ही रुकने को कहा है। खिड़कियों को भी खोलने की मनाही है 

आपको बता दें कि मणिपुर में पिछले कई दिनों से हिंसा की वजह से हालात बिगड़ गए है। आज मणिपुर हिंसा की इस भीषण अग्नि में सुलग रहा है। यहां जातीय हिंसा, आगजनी, तोड़फोड़, लूटपाट, हत्या जैसे  भयावह हालात पैदा हो चुके हैं। मणिपुर में इन दिनों इंटरनेट बंद है,और उपद्रवियों को देखते ही गोली मारने के आदेश जारी हो चुके हैं।  हजारों लोग अपना घर-बार छोड़कर पड़ोसी राज्य असम में जाने को मजबूर है। न्यूज़ एजेंसी पीटीआई के मुताबिक अब तक 50 से ज़्यादा लोगो की मौत हो चुकी है और 100 से ज़्यादा लोग जख्मी हो गए है। मणिपुर में माता-पिता इतने डरे हुए थे कि उन्होंने बच्चों को नींद की दवाइयां तक दे दीं ताकि वे रोएं नहीं।स्थानीय निवासियों को डर है कि आने वाले दिनों में कहीं हमले और और खून-खराबा बड़े पैमाने पर न हो।

मणिपुर में राजधानी इम्फाल से दक्षिण में 63 किलोमीटर पर स्थित चुराचंदपुर जिला हिंसा का केंद्र बना हुआ है। केंद्र सरकार लगातार हालात पर नजर बनाए हुए है। बड़ी तादाद में आर्मी और असम राइफल्स के जवानों को तैनात किया गया है।