चिट्ठी ने खोला राजः एसआई भर्ती परीक्षा में 34वीं रैंक प्राप्त करने वाली महिला दारोगा को लिखना नहीं आया ‘प्रार्थना पत्र’! 20 लाइन के पत्र में 13 अशुद्धियां, हुई गिरफ्तारी

 Letter revealed the secret: The woman sub-inspector who got 34th rank in SI recruitment exam did not know how to write an 'application letter'! 13 errors in a 20 line letter, she was arrested

नई दिल्ली। एसआई भर्ती परीक्षा-2021 में नकल करने के आरोप में राजस्थान पुलिस की स्पेशल ऑपरेशन गु्रप (एसओजी) ने एक महिला सब-इंस्पेक्टर (प्रोबेशनर) को गिरफ्तार किया है। इस बीच महिला सब-इंस्पेक्टर को लेकर हुए खुलासे हैरान करने वाले हैं। पुलिस लाइन झुंझुनूं से गिरफ्तार 25 वर्षीय मोनिका ने भर्ती परीक्षा में हिंदी विषय में 200 में से 184 अंक और सामान्य ज्ञान में 200 में से 161 अंक प्राप्त किए थे। बावजूद इसके जब उसने अपनी जॉइनिंग के लिए प्रार्थना पत्र लिखा तो उसमें कई त्रुटियां पाई गईं, जिससे संदेह हुआ। जांच में खुलासा हुआ कि उसने परीक्षा में ब्लूटूथ डिवाइस के जरिए नकल की थी और इसके लिए एक नकल गिरोह को 15 लाख रुपए दिए थे।

SOG की जांच में सामने आया कि मोनिका का लिखित परीक्षा का सेंटर अजमेर आया था। परीक्षा के दौरान उसने 15 सितंबर 2021 को ब्लूटूथ डिवाइस का उपयोग कर पेपर हल किया था। इस काम में नकल गिरोह के सरगना पौरव कालेर ने उसकी मदद की थी। पौरव ने ब्लूटूथ के जरिए उसे परीक्षा के दोनों सत्रों में प्रश्नों के उत्तर पढ़कर बताए थे। इसी कारण मोनिका ने लिखित परीक्षा में उच्च अंक प्राप्त किए और 34वीं रैंक हासिल कर ली। हालांकि, जब वह इंटरव्यू देने पहुंची, तो उसे मात्र 15 अंक ही मिले। फिर भी  लिखित परीक्षा में बेहतर प्रदर्शन के कारण वह चयनित हो गई।

SOG ने जब नकल गिरोह के सरगना पौरव कालेर को गिरफ्तार किया, तो मोनिका पुलिस अकादमी, जयपुर में प्रशिक्षण के दौरान फरार हो गई। उसने 5 जून 2024 से 2 जुलाई 2024 तक मेडिकल लीव ली थी, लेकिन इसके बाद कोई मेडिकल प्रमाण पत्र प्रस्तुत नहीं कर सकी। जब पुलिस ने उसकी गतिविधियों की जांच की, तो पता चला कि वह लंबे समय से पुलिस प्रशिक्षण से अनुपस्थित थी।
  
प्रार्थना पत्र में 20 लाइनें, 13 अशुद्धियां 

मोनिका ने जब 11 नवंबर 2024 को पुलिस लाइन झुंझुनूं में अपनी आमद दर्ज कराने के लिए आवेदन दिया, तो उसमें हिंदी भाषा की गंभीर अशुद्धियां पाई गईं। 20 लाइन के इस प्रार्थना पत्र में- में, निरीक्षक, प्रोबेशनर, डॉक्यूमेंट और झुंझुनूं जैसे 13 शब्द गलत लिखे गए थे। जबकि मोनिका के हिंदी में 200 में से 184 नंबर आए थे।