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राष्ट्रपति से नहीं मिली विधेयकों को मंजूरी तो सुप्रीम कोर्ट पहुंची केरल सरकार

Kerala government reaches Supreme Court if bills are not approved by President

केरल विधानसभा द्वारा पारित चार विधेयकों को जारी करने के लिए केरल सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का रूख किया, जो राष्ट्रपति कार्यालय में लंबित हैं। केरल सरकार ने मामले में एक याचिका दायर की है। आरोप लगाया कि केरल के राज्यपाल ने इन विधेयकों को बिना हस्ताक्षर किए ही राष्ट्रपति के पास विचार के लिए भेज दिया था। याचिका में यह भी कहा गया कि विधेयकों को लंबे और अनिश्चित काल तक लंबित रखने और उसके बाद संविधान से संबंधित किसी भी कारण के बिना राष्ट्रपति के विचार के लिए विधेयकों को आरक्षित करने का राज्यपाल का आचरण स्पष्ट रूप से मनमाना है और संविधान के अनुच्छेद 14 (कानून के समक्ष समानता) का उल्लंघन करता है। इसमें कहा गया है केंद्र द्वारा राष्ट्रपति को उन चार विधेयकों पर सहमति रोकने के लिए दी गई सहायता और सलाह, जो पूरी तरह से राज्य के अधिकार क्षेत्र में हैं। इसके अतिरिक्त, कार्रवाईयां संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत केरल राज्य के लोगों के अधिकारों को बाधित करता हैं, जो कल्याणकारी कानून के लाभों से वंचित करती हैं। गौरतलब है कि इससे पहले भी, राज्य सरकार ने राज्यपाल पर विधानसभा द्वारा पारित कई विधेयकों को मंजूरी नहीं देने का आरोप लगाते हुए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था और अदालत ने पिछले साल 20 नवंबर को याचिका पर राज्यपाल के कार्यालय को नोटिस जारी किया था।