काशीपुरः एक जमीन, दो रजिस्ट्री और बड़ा बवाल! शक्ति अग्रवाल पर लगाए आरोप निराधार साबित, दस्तावेजों ने पलट दिया पूरा मामला
काशीपुर। किसी भी मामले को उलझाना हो, समाज की नजरों में किसी व्यक्ति को गिराना हो, न्यायालय के आदेशों की धज्जियां उड़ानी हो या फिर विवादित मसले में कूदकर नेतागिरी चमकानी हो! सबसे आसान तरीका है सोशल मीडिया पर आकर मनगढ़ंत आरोप लगा दो। फिर क्या बिना सबूत, बिना तफतीश मामला वायरल हो जाएगा और निर्दोष जनता की नजर में दोषी साबित हो जाएगा। ऐसा ही कुछ काशीपुर में हो रहा है। मामले के अनुसार एक जमीनी विवाद में काशीपुर निवासी सुनील छाबड़ा, गगन काम्बोज और पूर्व पालिका अध्यक्ष बसपा नेता शम्सशुद्दीन सिद्दकी ने काशीपुर के प्रतिष्ठित व्यवसायी शक्ति प्रकाश अग्रवाल पर अवैध रूप से जमीन कब्जाने और जान से मारने की धमकी देते हुए प्लॉट से लाखों का माल डंपरों में भरकर ले जाने के गंभीर आरोप लगाए हैं। सुनील छाबड़ा के अनुसार काशीपुर रामनगर रोड पर चांदपुर गांव के किसान मंजीत सिंह ने खसरा नंबर 181 से उन्हें 130 फीट फ्रंट की 0.405 हेक्टेयर जमीन की रजिस्ट्री की जो कि सबसे पहले की गयी, जिसके बाद बचा हुआ हिस्सा शक्ति प्रकाश अग्रवाल को रजिस्ट्री किया गया, लेकिन शक्ति प्रकाश अग्रवाल उनके प्लॉट पर जबरन काबिज हो गए और रात को 2 बजे जेसीबी बुलवाकर उनके प्लॉट की बाउंड्री तोड़ दी और प्लॉट में पड़े हुए लाखों के मेटेरियल पर दिन दहाड़े डकैती डाल कर हाथ साफ कर दिया। इस मामले में जब शक्ति प्रकाश अग्रवाल से बात की गयी तो उन्होंने बताया कि उन्होंने अपने सहयोगियों के साथ मंजीत सिंह से राजस्व ग्राम चांदपुर के खसरा संख्या 181 में 0.405 हेक्टेयर जमीन का सौदा 13 सितंबर 2022 को किया था, जिसका एग्रीमेंट बनाकर भुगतान किया गया और फिर 13 दिसंबर 2022 को रजिस्ट्री की गयी। इस बीच मंजीत सिंह ने 28 अक्तूबर 2022 को खसरा संख्या 181 में से 0.405 हेक्टेयर जमीन की रजिस्ट्री सुनील छाबड़ा और नमन गुप्ता को कर दी। रजिस्ट्री के बाद से ही सुनील छाबड़ा और अन्य लोग हमारी जमीन को अपना बताकर विवाद पैदा कर कब्जा लेने की कोशिश कर रहे हैं। काशीपुर रामनगर से लगे गांव चांदपुर के खसरा संख्या 181 में मंजीत सिंह द्वारा फ्रंट को बार-बार बेचने और फर्जीवाड़ा करने के कारण सिविल कोर्ट काशीपुर ने मंजीत सिंह एवं अन्य पर खसरा संख्या 181 को खुर्द-बुर्द करने और विवाद पैदा करने के लिए रोक लगा रखी है और मामला कोर्ट में लंबित है और इसी के साथ एसडीएम काशीपुर ने भी अपनी रिपोर्ट में माना है कि शक्ति प्रकाश अग्रवाल ने खसरा संख्या 181 के सम्पूर्ण फ्रंट को खरीदा है जिसके पश्चात जमीन शेष नहीं बचती है इसलिए किसी अन्य को जमीन बेचना लैंड फ्रॉड की श्रेणी में आता है।
राजनीति से प्रेरित हैं आरोप
वहीं काशीपुर रामनगर हाइवे से लगे चांदपुर गांव में खसरा संख्या 181 के फ्रंट को सुनील छाबड़ा और अन्य लोग अपना बता रहे हैं। दरअसल शक्ति प्रकाश अग्रवाल ने खसरा संख्या 181 में .405 हेक्टेयर का सौदा एग्रीमेंट के तहत 13 सितंबर 2022 को कर लिया था, जिसका एग्रीमेंट समेत सौदे के लिए दिये गए पेमेंट के सभी साक्ष्य उपलब्ध हैं और इस सौदे की रजिस्ट्री 13 दिसंबर 2022 को हुइर्, जिसमें स्पष्ट रूप से अंकित किया गया है कि विक्रेता ने खसरा संख्या 181 का सम्पूर्ण फ्रंट बेच दिया है। रजिस्ट्री की डायमेन्शन के अनुसार पूरब दिशा में काशीपुर रामनगर हाइवे स्थित है जबकि 28 अक्तूबर 2022 को हुई सुनील छाबड़ा की रजिस्ट्री में पूरब दिशा में बहल्ला नदी अंकित है साथ ही इस जमीन का शक्ति प्रकाश अग्रवाल और अन्य के नाम दाखिल खारिज भी हो चुका है और कई प्लॉट 143 भी करवा लिए गए हैं। जिससे स्पष्ट होता है कि सुनील छाबड़ा द्वारा शक्ति प्रकाश अग्रवाल पर लगाए गए आरोप मनगढ़ंत बेबुनियाद और राजनीति से प्रेरित हैं।
मंजीत सिंह और बच्चन कौर के फर्जीवाड़े
काशीपुर में मंजीत सिंह और बच्चन कौर द्वारा कई लोगों को जमीन बेचकर फर्जीवाड़ा करना कोई नया नहीं है। इससे पहले भी कई लोगों के साथ मंजीत सिंह फर्जीवाड़ा कर चुका है। एक साल पहले आवाज इंडिया ने बचन कौर और मंजीत सिंह के फर्जीवाड़े का खुलासा करते हुए खबर प्रकाशित की थी, जिसमें पूजा सिंह नाम की महिला ने बचन कौर और मंजीत सिंह से प्लॉट खरीदा था जिस पर वो निर्माण नहीं कर पायी और मामला एसएसपी कार्यालय से लेकर सीएम पोर्टल तक पहुंच गया, लेकिन विडम्बना देखिये पूजा सिंह को न्याय तो नहीं मिल पाया और अंत में उसे दबंगों के उत्पीड़न के कारण प्लॉट छोड़कर भागना पड़ा।