हल्द्वानी दंगा मामला: हाईकोर्ट ने मुख्य आरोपी अब्दुल मलिक को नहीं दी जमानत, तीन अन्य आरोपियों को मिली राहत
हल्द्वानी दंगे से जुड़े मामलों की सुनवाई करते हुए उत्तराखंड हाईकोर्ट की खंडपीठ ने कथित मुख्य साजिशकर्ता अब्दुल मलिक की जमानत याचिका खारिज कर दी है। वहीं, मामले के तीन अन्य आरोपी दानिश मलिक, जुनैद और अयाज अहमद को कोर्ट से जमानत की राहत मिल गई है।
वरिष्ठ न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी और न्यायमूर्ति पंकज पुरोहित की खंडपीठ में कुल 16 मामलों पर एक साथ सुनवाई हुई। अदालत ने हल्द्वानी नगर निगम के पूर्व पार्षद जीशान परवेज उर्फ सेबू की जमानत याचिका भी नामंजूर कर दी। कोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिए हैं कि वह अब्दुल मलिक सहित सभी आरोपियों पर लगे आरोपों का पूरा और विस्तृत ब्यौरा अदालत के समक्ष पेश करे।
अब्दुल मलिक की ओर से कोर्ट में दलील दी गई कि वह निर्दोष है, घटना के समय मौके पर मौजूद नहीं था और उसके खिलाफ कोई ठोस सबूत नहीं हैं। साथ ही यह भी कहा गया कि वह एक वरिष्ठ नागरिक है और पिछले वर्ष फरवरी से जेल में बंद है।
सरकारी पक्ष ने जमानत का कड़ा विरोध करते हुए कहा कि अब्दुल मलिक पूरे घटनाक्रम का मुख्य आरोपी है और उसी ने साजिश रचकर सरकारी जमीन पर कब्जा किया। जब प्रशासन की टीम मौके पर पहुंची, तो उस पर हमले की भी गंभीर घटना सामने आई। इन दलीलों को गंभीर मानते हुए अदालत ने अब्दुल मलिक को जमानत देने से स्पष्ट इनकार कर दिया।
कोर्ट ने आदेश दिया है कि मामले से जुड़े सभी आरोपियों के खिलाफ प्रस्तुत साक्ष्यों और आरोपों की विस्तृत रिपोर्ट राज्य सरकार दो सप्ताह के भीतर पेश करे। अब इस पूरे मामले की अगली सुनवाई अदालत द्वारा दो सप्ताह बाद की जाएगी।